मानिक विश्वविद्यालय नव नालंदा महाविहार के मुख्य द्वार के समक्ष अनशन पर बैठे कर्मी कमलेश प्रसाद की हालत हुई नाजुक
डीएनबी भारत डेस्क
मानित विश्वविद्यालय नव नालंदा महाविहार के मुख्य द्वार के समक्ष 21 दिनों से धरना व 3 दिनों से अनशन भूख हड़ताल पर बैठे कमलेश प्रसाद की हालत नाजुक हो गई है। डॉक्टरों ने नालंदा थाना के थाना प्रभारी दिनेश सिंह के देखरेख में सदर हॉस्पिटल बिहार शरीफ में भर्ती कराया हैै। बावजूद महाविहार के कुलपति एवं रजिस्ट्रार ने अभी तक किसी कर्मियों का सुध लेने लिया है, जो काफी निंदनीय हैं।
दूसरी ओर अनशनकारी कमलेश प्रसाद ने अनशन तोड़ने से इनकार करते हुए कहा कि महाविहार प्रशासन मेरी मौत का इंतजार कर रहा है। कर्मियों के न्याय के लिए हम अपना प्राण न्योछावर कर देंगे लेकिन अनशन नहीं तोड़ेंगे। कर्मियों की हालत नाजुक देख असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अमित कुमार पासवान ने कहा कि महाविहार के कुलपति प्रोफ़ेसर वैद्यनाथ का जो तानाशाही रवैया है इससे साफ जाहिर होता है कि इनके पास से नैतिकता, मानवता, इंसानियत खो चुकी है। विद्वता के नाम पर शिक्षा जगत को कलंकित कर रहे हैं।
नालंदा का इतिहास इन्हें कभी माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान अगर कोई अप्रिय घटना कर्मियों के साथ घटती है तो दैनिक वेतन भोगी कर्मी के हत्यारा कुलपति के रूप में जाने जाएंगे। इसका सजा समाज के लोग देंगे। डॉक्टर पासवान ने गरीबो, मजदूरों, नौजवानों, किसानों, बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों से अपील करते हुए कहा कि समाज के गरीब का बेटा जीवन मौत से जूझ रहा है इन्हें न्याय दिलाने के लिए सभी लोगों को आगे आकर सड़क पर उतरकर ऐसे अहंकारी व भ्रष्ट कुलपति वैद्यनाथ लाभ एवं रजिस्ट्रार सुनील प्रसाद सिन्हा को नालंदा की धरती से उखाड़ फेंकने का संकल्प लें।
अनशनकारी कमलेश प्रसाद की हालत नाजुक देख जनकल्याण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र पासवान, भीम आर्मी के रंजीत चौधरी, रजनीश पासवान, राजकुमार पासवान, भाकपा के पूर्व प्रत्याशी चुनचुन सिंह अधिवक्ता, आलोक कुमार अधिवक्ता, रामदेव चौधरी, बलराम दास, अनिल पासवान, माले नेता मनमोहन सिंह ने चिंता जाहिर की है।
नालंदा से ऋषिकेश