बेगूसराय जिला के खोदावंदपुर प्रखंड में कुल 68 प्राथिमिक उत्क्रमित मध्य एवं माध्यमिक विद्यालय के बच्चों की पढ़ाई हो रही है प्रभावित, सुधि लेने वाला कोई नहीं।
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिला सहित पूरे बिहार राज्य में 15 अप्रैल से जातीय गणना फेज टू शुरू हो चुका है। जातीय गणना कार्य के लिए शिक्षकों का प्रतिनियोजन बातौर प्रगणक एवं पर्यवेक्षक के रूप में किया गया है। शिक्षक विद्यालय में उपस्थिति बनाकर अपने अपने आवंटित क्षेत्र में जातीय गणना के लिए निकल जाते हैं । जिसके कारण विद्यालय में छात्र छात्राओं का पठन पाठन कार्य व्यापक रूप से प्रभावित हो रहा है।
बताते चले कि खोदावंदपुर प्रखंड में कुल 68 प्राथिमिक उत्क्रमित मध्य एवं माध्यमिक विद्यालय है। इससे इतर श्री दुर्गा प्लस टू विद्यालय मेंघौल, परियोजना प्लस टू बालिका विद्यालय मेंघौल, किसान प्लस टू उच्च विद्यालय तारा बरियारपुर पुराना उच्च विद्यालय है जिन्हें अपग्रेड कर प्लस टू का दर्जा दिया गया है। इन सभी विद्यालयों में कुल 366 शिक्षक कार्यरत हैं।
जिनमे 253 शिक्षक जातीय गणना कार्य कर लिए वतौर प्रगणक व पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। इनकी नियुक्ति अगले 15 मई तक के लिए किया गया है । जो जातीय गणना फेज टू के लिए निर्धारित है। आगामी एक माह तक ये शिक्षक विद्यालय में पढ़ाई नही घर घर जाकर जातियों का गणना करेंगे।
इस प्रकार अगले एक माह तक विद्यालय की पढ़ाई भगवान भरोसे है। जनगणना कार्य में नहीं लगाए गए शिक्षक जो विद्यालय में शेष रह गए हैं वे पढ़ाई के नाम पर खनापूर्ती कर रहे हैं। विद्यालय में विद्यार्थी को किसी तरह रोककर रखा जाता है। जिससे अभिभावकगण काफी नाराज दिख रहे हैं।
डीएनबी भारत प्रतिनिधि की पड़ताल
अभिभावकों के शिकायत पर जब डीएनबी भारत टीम के प्रतिनिधि नितेश मध्य विद्यालय तारा बरियारपुर हकीकत पड़ताल करने पहुंचे तो पाया कि शिक्षकों के अभाव में वर्ग के छात्र ही अपने सहपाठी को पढ़ा रहे थे।
ग्रामीणों ने लंबे काल तक जातीय गणना में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इस प्रचंड धूप में विद्यालय को बंद कर देना चाहिए या तो शिक्षकों को जातीय गणना कार्य से पूर्णतः मुक्त कर दिया जाना चाहिए या फिर जातीय गणना अवधि में विद्यालय में पठन पाठन की व्यवस्था पूर्णतः बहाल करना चाहिए।
वहीं बरियारपुर पश्चिमी पंचायत के राजकीयकृत मध्य विद्यालय बरियारपुर में शिक्षक हाजिरी बन कर फरार हो जाते हैं और विद्यार्थी के द्वारा ही छात्रों को पढ़ाया जाता है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि हाजिरी बनाकर सभी जाति आधारित जनगणना में चले जाते हैं।
वहीं जानकारों के अनुसार नियमानुसार विद्यालय की अवधि को खत्म करने के तत्पश्चात ही जाति आधारित जनगणना के कार्य में शामिल होना है। लेकिन शिक्षक की मनमानी के कारण नौनिहाल स्कूली बच्चों का भविष्य फिलहाल अंधकारमय बना हुआ है। जिसी सुधि लेने वाला कोई नहीं है।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नीतेश कुमार गौतम