राज्य सरकार राज्य में उद्योग विस्तार के साथ उद्यमियों के वित्तीय सशक्तिकरण एवं निर्धारित शर्तों के अधीन सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध  – संदीप पौण्डरिक

बेगूसराय में प्रधान सचिव उद्योग विभाग बिहार की अध्यक्षता में उद्योग विभाग बिहार द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक का आयोजन।
बेगूसराय में प्रधान सचिव उद्योग विभाग बिहार की अध्यक्षता में उद्योग विभाग बिहार द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक का आयोजन।

डीएनबी भारत डेस्क 

 

बिहार सरकार उद्योग विभाग प्रधान सचिव पटना संदीप पौण्डरिक की अध्यक्षता में 12 अक्टूबर बुधवार को कारगिल विजय सभा भवन में बिहार उद्योग विभाग द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रधान सचिव उद्योग विभाग श्री पौण्डरिक ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में उद्योग विस्तार के साथ साथ उद्यमियों के वित्तीय सशक्तिकरण एवं निर्धारित शर्तों के अधीन सभी प्रकार की आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास औद्योगिक विकास हेतु पर्याप्त राशि उपलब्ध है इसलिए इच्छुक उद्यमी उद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं एवं अन्य सुविधाओं का लाभ लेने के लिए आगे आएं।
उन्होंने यह भी कहा कि जिला उद्योग केंद्र, बैंकिंग ईकाई एवं जीविका आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए उद्योग विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ अधिक-से-अधिक उद्यमियों तक पहुचाएं तथा इस क्रम में वर्तमान में संचालित योजनाओं से भी संबंधित लंबित मामलों का निष्पादन हेतु सहयोग की भावना से कार्य करें। इससे पूर्व उन्होंने विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के क्रम में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत प्राप्त आवेदनों तथा कृत कार्रवाई की बैंकवार गहन समीक्षा की तथा प्राप्त आवेदनों के विरुद्ध कम स्वीकृति पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। इस दौरान उन्होंने सभी बैंक प्रतिनिधियों को यह भी निर्देश दिया कि किसी आवेदन को अकारण लंबित न रखें तथा विशेष परिस्थिति में ही अस्वीकृत करें। यदि किसी बैंक शाखा द्वारा जान-बूझकर आवेदनों के संबंध में समुचित कार्रवाई नहीं की जा रही है, तो उसके विरुद्ध कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया।
उन्होंने जिला अंतर्गत इस योजना के तहत प्राप्त सभी पात्र आवेदनों को 03 नवंबर, 2022 तक स्वीकृत करने का निर्देश देने के साथ ही वैसे एक्जिस्टिंग यूनिट, जो बेहतर प्रदर्शन कर रहा है तथा एक्सपेंशन हेतु ऋण की अपेक्षा रखता है, तो उसे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम-2 के तहत निर्धारित नियमानुसार, ऋण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना की समीक्षा के क्रम में अब तक मात्र 02 आवेदन के विरुद्ध स्वीकृति देने पर नाराजगी जाहिर की तथा इस योजना के क्रियान्वयन में जीविका समूहों से सकारात्मक भूमिका की अपेक्षा की। उन्होंने डीपीएम जीविका को स्थानीय स्तर के जीविका उत्पादों की ब्रांडिग करने के साथ ही जीविका समूहों को उद्योग विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उद्यम विस्तार हेतु प्रयास करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा का वक्त आ गया है कि जीविका दीदियां राज्य सरकार द्वारा उद्यम विस्तार के लिए किए जाने वाले प्रयासों का लाभ लेते हुए बृहत स्तर पर कार्य करना शुरू करें। इस दौरान उन्होंने जिले की जीविका समूहों के उद्यम क्षमता का उपयोग भी मुजफ्फरपुर मॉडल के अनुरूप करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की समीक्षा के क्रम में उन्होंने 2018-21 तक के प्रथम किस्त प्राप्त लाभार्थी में से द्वितीय एवं तृतीय किस्त के लंबित लाभार्थियों को पात्रतानुरूप लाभ देने तथा वैसे लाभार्थी, जिन्होंने प्रथम किस्त का सही उपयोग नहीं किया, उसके विरुद्ध रिकवरी की प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-2022 में प्राप्त आवेदनों के विरुद्ध अब तक किसी भी लाभार्थी को द्वितीय किस्त नहीं मिलने पर उन्होंने खेद प्रकट किया तथा सभी उद्योग प्रसार पदाधिकारियों को अविलंब आवश्यक सत्यापन करते हुए प्रतिवेदन करने का निर्देश दिया ताकि पात्र लाभार्थी को अविलंब दिवतीय किस्त की राशि उपलब्ध कराई जा सके। बैठक के दौरान उद्यम रजिस्ट्रेशन तथा जीविका एवं उद्योग विभाग के समन्वय से स्वरोजगार योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी विस्तार से चर्चा की गई तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

इस अवसर पर निदेशक उद्योग विभाग पटना पंकज दीक्षित,जिलाधिकारी बेगूसराय रोशन कुशवाहा, निदेशक (हस्तकरघा) विवेक रंजन मैत्रेय, अपर समाहर्ता राजेश कुमार सिंह, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र पंकज कुमार, एलडीएम मोती कुमार साह, विशेष कार्य पदाधिकारी अनीश कुमार, प्रभारी पदाधिकारी बैंकिंग शाखा निशांत कुमार, जिला जन-संपर्क पदाधिकारी भुवन कुमार सहित विभिन्न बैंकों के वरीय पदाधिकारी, जीविका दीदियां एवं उद्योग विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी आदि मौजूद थे।

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