डीएनबी भारत डेस्क
नालंदा-सोगरा वक्फ इस्टेट और सोगरा कॉलेज के प्रबंधन ने हाल ही में लगाए गए वित्तीय अनियमितताओं और अवैध नियुक्तियों के आरोपों को लेकर जेडीयू एमएलसी रीना यादव और मोतवल्ली आमने सामने है।सोगरा वक्फ इस्टेट के मोतवल्ली मोख्तारुल हक, कॉलेज सचिव एम.बी. शहाबुद्दीन, और अन्य पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं।
25 लाख रुपये की निकासी के संबंध में उन्होंने स्पष्ट किया कि यह राशि कोविड-19 के दौरान वक्फ इस्टेट की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कर्ज के रूप में ली गई थी। इसका उपयोग कर्मचारियों के वेतन और अन्य आवश्यक खर्चों के लिए किया गया। इंटर कॉलेज के नए भवन निर्माण और विज्ञान खंड के निर्माण के संबंध में उन्होंने कहा कि ये प्रस्ताव पहले से ही पारित किए जा चुके हैं और इन पर कार्य प्रगति पर है।
अवैध नियुक्तियों के आरोप को खारिज करते हुए प्रबंधन ने कहा कि केवल दैनिक मानदेय पर कुछ लोगों को रखा गया है, कोई स्थायी नियुक्ति नहीं की गई है।प्रबंधन ने जोर देकर कहा कि सभी कार्य नियमानुसार और प्रबंधन समिति की सहमति से किए गए हैं। उन्होंने इन आरोपों को राजनीतिक प्रेरित बताया और कहा कि वे किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हैं। जेडीयू एमएलसी रीना यादव ने पिछले दिनों प्रेस रिलीज जारी कर सोगरा कॉलेज के प्रबंधन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।
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