स्व बालमुकुंद चौधरी के तीसरे पुन्यस्मृति दिवस पर बुद्धिजीवियों ने दी श्रद्धांजलि

क्षेत्र में समाजसेवा के पर्याय थे बालमुकुंद बाबू- अमिय कश्यप।

क्षेत्र में समाजसेवा के पर्याय थे बालमुकुंद बाबू- अमिय कश्यप।

डीएनबी भारत डेस्क 
बछवाड़ा और बेगूसराय में समाजसेवा के पर्याय के रूप में बालमुकुंद चौधरी को लोग आज भी जानते हैं। जीवनपर्यंत उन्होंने समाज के विकास में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया इसीलिए वह व्यक्ति नहीं ऐसे व्यक्तित्व थे जिनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। जो निकट भविष्य में ऐसे शख्सियत की कमी पूरी नहीं की जा सकती।

उक्त बातें बिहार सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सह मशहूर फिल्म अभिनेता अमिय कश्यप ने स्व. बालमुकुंद चौधरी के तीसरे पुन्यस्मृति दिवस पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि करते हुए अहियापुर गांव में कही। उन्होंने कहा कि बालमुकुंद बाबू व्यक्तिगत रूप से मेरे अभिभावक रहे और हमेशा आगे बढ़ाने में सहयोग करते रहे।

उक्त अवसर पर किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका संयोजन बालमुकुंद चौधरी के सुपुत्र एवं क्षेत्र के प्रखर किसान शैलेंद्र कुमार चौधरी उर्फ पप्पू चौधरी ने किया। शैलेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि किसानों के जीवन को खुशहाल बनाना ही उनका एकमात्र लक्ष्य है और यही बालमुकुंद बाबू के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

मौके पर उपस्थित सांसद प्रतिनिधि प्रभाकर कुमार राय ने बालमुकुंद बाबू के साथ गुज़ारे पल को शिद्दत के साथ याद किया। किसान संगोष्ठी में वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ रामपाल, आत्मा के प्रोजेक्ट मैनेजर धीरप्रकाश, जयशंकर मिश्रा, रौशन कुमार, रमाकांत चौधरी, राजीव कुमार आदि मौजूद  थे।

बेगूसराय मंसूरचक संवाददाता आशीष झा

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