मिथिला पौराणिक काल से ही ज्ञान और अध्यात्म का केंद्र रहा है।
डीएनबी भारत डेस्क
मिथिला पौराणिक काल से ज्ञान और अध्यात्म का केंद्र रहा है। आज मिथिला के सिमरिया गंगा धाम आदि कुंभ स्थली होने के कारण विश्व में अपना एक अलग पहचान स्थापित किया है। उक्त बातें सोमवार को अखिल भारतीय सर्वमंगला सिद्धाश्रम सिमरिया धाम पहुंचे कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के एनएसएस अधिकारी डॉ सत्यवान कुमार ने कही।
उन्होंने सर्वमंगला सिद्धाश्रम के संस्थापक स्वामी चिदात्मन जी महाराज से मिलकर 2023 में लगने वाली अर्द्धकुंभ पर विशेष चर्चा कर मिथिला वासियों से अभी से ही अर्द्धकुंभ की तैयारी में जुट जाने का आह्वान किया। उन्होंने सिमरिया को मिथिला का हरिद्वार बताते हुए कहा कि गंगातट पर वृहत सौन्दर्यीकरण योजना का निर्णय लिया है। जिसका शिलान्यास के लिए सीएम नीतीश कुमार खुद जल्द ही सिमरिया धाम आने वाले हैं।
स्वामी चिदात्मन वेद विज्ञान अनुसंधान संस्थान के सह सचिव प्रो पीके झा प्रेम ने कहा कि सिमरिया धाम का सम्पूर्ण विकास होने से यहां रोजगार का भी अवसर प्रदान होगा। यह स्थान मिथिला का प्रवेश द्वार एवं आदि कुंभ स्थली के रुप में स्थापित हो चुका है। इस गंगा तट पर सर्व सुविधायुक्त जानकी पौड़ी का निर्माण होने से आस्था का यह स्थल विश्व में अपनी पहचान बनाएगा।
दिल्ली से आए शिक्षाविद डॉ संजय झा ने कहा कि सिमरिया धाम में देश ही नहीं, बल्कि पड़ोसी देश नेपाल से भी हजारों श्रद्धालु विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक अवसरों पर आते हैं। स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने अतिथियों का स्वागत मिथिला परम्परा के अनुसार किया।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार