डीएनबी भारत डेस्क
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोदावंदपुर परिसर में इनोवेटर इन हेल्थ इंडिया के द्वारा प्रभारी चिकत्सा पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार के निर्देशन में टीबी के मरीज को जीविकोपार्जन के लिए सिलाई मशीन वितरण किया गया. इस संबंध में विशेष जानकारी देते हुए स्वास्थ्य प्रबंधक मनीष कुमार ने बताया कि संस्था के द्वारा ऐसे टीबी मरीज का चयन कर सिलाई मशीन दिया जाता है जो गरीबी रेखा से नीचे हैं.
वैसे मरिज गरीब रहने के कारण अपने परिवार का जीव को पाचन नहीं कर पाते हैं, जिससे परिवार चलाने में काफी कठिनाई होती है।यक्ष्मा पर्यवेक्षक प्रमोद कुमार ने बताया कि टीबी का उपचार 6-8 महिनों का लंबा होता है एवं रोगी थोड़ा ही लाभ मिलने पर बीच में ही उपचार छोड़ देते हैं।जिस कारण टीबी की दवाएं बेअसर/ रेजिस्टेंड कर जाती है। नियमित रूप से कोर्स पूरा करने की जिम्मेदारी अकेले रोगी का ही नहीं होती है।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नीतेश कुमार की रिपोर्ट