बिनाशर्त राज्यकर्मी का दर्जा बिहार के सरकारी विद्यालयों को संभालनेवाले नियोजित शिक्षकों का हक है। कैबिनेट द्वारा स्वीकृत वर्तमान नियमावली शिक्षकों के लिए न केवल अपमानजनक है बल्कि उनके श्रमिक हकों पर भी हमला है।
डीएनबी भारत डेस्क
बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियमावली 2023 में बदलाव की मांग को लेकर शिक्षकों का संघर्ष लगातार जारी है। इसी क्रम में बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा की तरफ से राज्यव्यापी प्रतिरोध के तहत गुरूवार को बछवाड़ा बीआरसी परिसर में शिक्षकों ने प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में बीडीओ को ज्ञापन सौपते हुए मुख्यमंत्री को संदेश भेजा।
प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए शिक्षक नेता सरोज कुमार सिंह ने कहा कि बिनाशर्त राज्यकर्मी का दर्जा बिहार के सरकारी विद्यालयों को संभालनेवाले नियोजित शिक्षकों का हक है। कैबिनेट द्वारा स्वीकृत वर्तमान नियमावली शिक्षकों के लिए न केवल अपमानजनक है बल्कि उनके श्रमिक हकों पर भी हमला है। सूबे के विद्यालयों में स्थानीय निकाय के तहत नियोजित शिक्षकों को बगैर परीक्षा बाध्यता के सीधे राज्यकर्मी का दर्जा मिलना चाहिए।
मौके पर शिक्षक पंकज कुमार, मानवेन्द्र विवेक, राम करण चौरसिया,विनोद कुमार, आरती कुमारी,प्रदीप कुमार, संजीव सिंह, विजय रवि,अजीत कुमार, अभिषेक कुमार आदि शिक्षक उपस्थित थे।
बेगूसराय बछवाड़ा से सुजीत कुमार की रिपोर्ट