डीएनबी भारत डेस्क
इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है दिल्ली से जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव का निधन हो गया। शरद यादव ने 75 की उम्र में इलाज के दौरान एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। पूर्व मंत्री शरद यादव के निधन की पुष्टि उनकी पुत्री सुभाषिनी यादव ने की। उनके निधन की खबर देते हुए उनकी बेटी सुभाषिनी यादव ने अपने फेसबुक और ट्वीटर पर लिखा कि ‘पापा अब नहीं रहे।’ शरद यादव आजकल अक्सर बीमार रहते थे और इलाजरत थे।
1 जुलाई 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के अखमाऊ गांव में पैदा हुए शरद यादव देश के पहले नेता थे जो तीन राज्यों में लोकसभा सदस्य के रूप में चुने गए थे। वे मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश से लोकसभा सदस्य रह चुके थे। शरद यादव बिहार के मधेपुरा से चार बार, मध्यप्रदेश के जबलपुर से दो बार और उत्तर प्रदेश के बदायूं से लोकसभा सदस्य चुने गए थे। वे राज्यसभा सांसद भी चुने गए थे और केंद्र में मंत्री भी बने थे।
कहा जाता है कि वे राजनीतिक गठजोड़ में माहिर थे। उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गुरु के रूप में भी जाना जाता है। शरद यादव जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके थे लेकिन नीतीश कुमार से कुछ अनबन के बाद उन्होंने पार्टी से किनारा कर लिया था। शरद यादव का निधन देश के राजनीतिक महकमे के लिए एक अपूरणीय क्षति के रूप में देखा जाता है। उनकी निधन की खबर के बाद कई नेताओं ने दुख व्यक्त किया है।