डीएनबी भारत डेस्क
धर्म से अलग रहकर संसार में कोई सुखी नही हुआ है ना हुआ था और ना ही हो सकता है। मानव सहित जगत के सभी प्राणियों को धर्म के मार्ग पर चलने से ही सुख शांति और समृद्धि की प्राप्ति होगी। उक्त बातें बुधवार को पावन कार्तिक मास के मौके पर सिमरिया धाम में लगे राजकीय कल्पवास मेला स्थित श्री मिथिला गौड़ धाम खालसा में कथावाचक श्री श्री 108श्री महन्त लाडली दास जी महाराज ने प्रवचन देते हुए कहा।
उन्होंने कहा भगवान श्री विष्णु को कार्तिक मास, धर्म और कार्तिक मास तीर्थ स्थल पर किए गए धर्म और सत्कर्म अतिशय प्रिय हैं। आगे उन्होंने कहा कि धार्मिक व्यक्ति परेशान हो सकता है पर पराजित नहीं हो सकता है। मानव को संत स्वभाव रखना चाहिए। उन्होंने दिनचर्या, नित्यकर्म, आचरण आहार और स्वभाव का प्रभाव जीवन चरित्र पर सीधा पड़ता है।
इस कलियुग में जो जैसा करता है उसको उस किए कर्मों का फ़ल मिलता है। इससे ही प्राणी लाभान्वित होते हैं। आगे उन्होंने कल्पवास, धर्म, जीवन, आचरण सहित अन्य प्रमुख उपयोगी बातों पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रवचन के माध्यम से दिया। उन्होंने वर्ष की बारह महीने और दिन के 24 घंटों को तीन-तीन भागों में बांटकर जानकारी दिया।
4 माह पूजा -पाठ, 4 माह गृहस्थी और 4 माह गुणों में बिताना चाहिए। तथा 24 घंटों को तीन भागों में बांटकर बताया कि प्रथम चार घंटा और भरे संध्या का 4 घंटा का समय देना चाहिए। बोलचाल के भाषा में कहा कि 4 घंटा भोर और 4 घंटा भरली सांझ का समय हर परिस्थिति में ईश्वर को ही देना चाहिए। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालु, कल्पवासी तथा स्नानार्थियों ने कथा श्रवण किया और पंगत में महाप्रसाद ग्रहण किया।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट