पौधे लगाने के लिए संतोष जी को किसी पर्यावरण दिवस की आवश्यकता नहीं होती
डीएनबी भारत डेस्क
संतोष जी, मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखनेवाले एक नेकदिल इंसान हैं। समस्तीपुर शहर के पुरानी पोस्ट ऑफिस रोड एवं आर्यसमाज रोड को जोडनेवाले मुहाने पर इनकी ” सरिता पेपर मार्ट” नामक स्टेशनरी की एक दुकान है, जिनके माध्यम से ये न केवल अपना जीविकोपार्जन करते हैं, अपितु इसी में से कुछ पैसे बचाकर बीते दो दशकों से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का भी निर्वहन करते आ रहे हैं।
इनके लगाए कई पौधे आज वृक्ष का रूप ले चुके हैं। अपने जन्मदिन, अपने सभी बाल-बच्चों के जन्मदिन, स्वतन्त्रता दिवस, गणतन्त्र दिवस, नववर्ष, विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) सहित सभी बड़े-छोटे अवसरों पर ये पौधारोपण अवश्य करते हैं। पौधे लगाने के लिए ये जगह का चयन पहले से करके रखे होते हैं और पौधे लगाने के बाद उसे सींचना एवं पशुओं से उसकी देखभाल करना- सारी जिम्मेवारी इन्हीं की होती है।
समस्तीपुर शहर एवं इसके आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोई ऐसा इलाका, सड़क अथवा सरकारी कार्यालय का परिसर नहीं होगा, जहां संतोष जी के लगाए पेड़-पौधे लोगों को छाँव एवं ऑक्सीज़न नहीं दे रहा होगा। बीते कुछ वर्षों पूर्व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में संतोष जी द्वारा किए जा रहे कार्यों पर प्रभात खबर हिन्दी दैनिक ने एक रिपोर्ट भी प्रकाशित किया था। संतोष जी न केवल खुद से पौधे लगाते हैं, अपितु वे पोस्टर छपवाकर, जिसमे पौधे लगाने का निवेदन करता हुआ स्लोगन लिखा होता है, उसे लोगों के बीच वितरित भी करते हैं।
अगर आप भी चाहते हैं की हमारी अगली पीढ़ी को पानी की तरह ऑक्सीज़न के लिए भी पैसे खर्च न करना पड़े, तो आज से आपको भी हर शुभ अवसरों पर पौधा लगाने का संकल्प लेना होगा। और हाँ, अगर कोई व्यक्ति समय, पैसे अथवा संसधानों के अभाव होने का बहाना बनाते हैं.
समस्तीपुर संवाददाता अफरोज आलम