डीएनबी भारत डेस्क
वैसे तो लोग अस्पताल में इलाज करवा कर स्वस्थ होने के लिए जाते हैं लेकिन सदर अस्पताल बिहारशरीफ में पहुंचने वाले मरीजों की जान पर इलाज की वजह से भी खतरा बना रहता है। दरअसल अस्पताल में तैनात ट्रेनिंग कर रहे नर्स और एएनएम मरीजों को सही तरीके से इलाज नहीं दे पा रहे हैं। कई बार तो वे सुई लगाने के लिए हाथ में नस ढूंढते रह जाते हैं। इस वजह से मरीजों को दर्द और परेशानी का सामना करना पड़ता है।
सदर अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि प्राइवेट कॉलेज से यहां ट्रेनिंग के लिए आने वाले छात्र काम करने या कुछ सीखने के बजाय मोबाइल चलाने में बिजी रहते हैं। डॉक्टर के द्वारा दिए गए निर्देशों का भी पालन नहीं करते हैं। इससे मरीजों को परेशानी हो रही है। डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने इस बात की शिकायत सिविल सर्जन से की है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट कॉलेजों से आने वाले छात्रों की ट्रेनिंग को लेकर सख्ती की जानी चाहिए। उन्हें सही तरीके से प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वे मरीजों को सही तरीके से इलाज दे सकें।
नालंदा से ऋषिकेश