बेगूसराय सदर अस्पताल स्वास्थ्य व्यवस्था की खोल रही है पोल, इमरजेंसी मरीजो को स्ट्रेचर तक नसीब नहीं, लाचारी में गोद में ले जाने को मजबूर

 

घायल की पहचान डंडारी थाना क्षेत्र के सिसौनी निवासी महेंद्र शर्मा के रूप में की गई है।

डीएनबी भारत डेस्क

बिहार में व्यवस्थाएं जरूर बदली है लेकिन स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक लापरवाही की वजह से अभी भी स्वस्थ महकमा सवालों के घेरे में है। आलम यह है कि अब इमरजेंसी मरीजों को भी कभी-कभी स्ट्रेचर तक नसीब नहीं होता। ताजा मामला बेगूसराय के सदर अस्पताल से सामने आई है जहां बीती रात जब एक घायल व्यक्ति को उसके परिजन सदर अस्पताल लेकर पहुंचे तो कोई भी स्वास्थ्य कर्मी बाहर में मौजूद नहीं था।

लाचारी में मरीज के परिजनों को गोद में ही उठाकर उसे सदर अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस तरह मरीज के परिजन गोद में उठाकर ही घायल व्यक्ति को अस्पताल के अंदर तक ले गए हैं। घायल की पहचान डंडारी थाना क्षेत्र के सिसौनी निवासी महेंद्र शर्मा के रूप में की गई है।

परिजनों ने बताया कि महेंद्र शर्मा एवं सिसौनी के ही एक अन्य व्यक्ति विकास कुमार के बीच लंबे समय से जमीनी विवाद चल रहा था और बीते शाम इसी बात को लेकर कहा सुनी हुई और फिर मारपीट हुई जिसमें महेंद्र शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए। तत्पश्चात परिजन उन्हें लेकर जब सदर अस्पताल पहुंचे तो यहां भी उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

फिलहाल घायल महेंद्र शर्मा का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों के इस लापरवाही की वजह से सदर अस्पताल की व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है।

डीएनबी भारत डेस्क