बेगूसराय सदर अस्पताल में स्नेक बाइट की शिकार एक बच्चे की इलाज के दौरान मौत,मौत से नाराज परिजनों ने आईसीयू वार्ड में तोड़ तोड़ फोड़ कर चिकित्सकों के साथ किया बदसलूकी

 

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय सदर अस्पताल में उस वक्त अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया जब स्नेक बाइट की शिकार एक बच्चे की इलाज के क्रम में मौत हो गई । मौत से नाराज परिजनों ने आईसीयू वार्ड में जमकर तोड़ फोड़ की एवं चिकित्सकों के साथ बदसलूकी भी की ।

लोगों के आक्रोश को देखते हुए आईसीयू में कार्यरत चिकित्सक अपनी जान बचाकर मौके से फरार हो गए। मामले की सूचना पर बेगूसराय के सिविल सर्जन  ने करी कार्रवाई का निर्देश जारी किया है।

क्या है पूरा मामला 

जानकारी के अनुसार 2 दिन पूर्व मटिहानी थाना के भैरबार गांव की रहने वाली पल्लवी कुमारी सर्प दंश की शिकार हो गई थी। सर्प दंश के बाद परिजनों ने उसे काफी लंबे समय तक झार फूंक करवाया और जब उसकी हालत बिगरने लगी तब उसे नर्सिंग होम में भर्ती कराया। तत्पश्चात पल्लवी कुमारी की हालत और बिगड़ गई तब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। सदर अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों ने बेहोश पल्लवी कुमारी को वेंटिलेटर का सहारा देकर इलाज शुरू किया।

लेकिन आज इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई । बाद में चिकित्सको ने उसे मृत घोषित कर शव को परिजनों को सौंप दिया। लेकिन बताया जा रहा है कि जैसे ही पल्लवी कुमारी के परिजन शव को लेकर बाहर निकले कुछ असामाजिक तत्वों ने यह भ्रम फैलाया की बच्ची जिंदा है। तब परिजन दो युवक को लेकर पुनः आ गए और जबरन डॉक्टर पर दबाव देकर वेंटीलेटर के माध्यम से इलाज दुबारा शुरू करवाया । लेकिन फिर भी बच्चे को बचाया नहीं जा सका।

सिविलसर्जन डॉक्टर प्रमोद सिंह ने कहा है की परिजनों को स्थिति से अवगत करा दिया गया था लेकिन परिजनों ने आग्रह किया था की बच्ची का इलाज यही होना चाहिए। लेकिन आज उसकी मौत हो गई । डॉक्टर प्रमोद सिंह ने कहा है की मौत के जिम्मेदार उसके परिजन हीं है जो स्नेक बाइट के बाद भी उसे इलाज में लाने के लिए देरी की और झार फूंक के चक्कर में पड़े रहे ।

डॉक्टर प्रमोद सिंह ने कहा है कि इसमें जिला प्रशासन को भी सतर्क होना पड़ेगा और ऐसे लोग जो झार फूंक के चक्कर में कई लोगों की जान ले लेते हैं उन पर करी कार्रवाई होनी चाहिए।साथ ही साथ उन्होंने कहा जिन असामाजिक तत्वों के द्वारा मृत बच्ची के परिजनों को भड़काया गया उन पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

डीएनबी भारत डेस्क