डीएनबी भारत डेस्क
लोकसभा चुनाव का शंखनाद होते हुए नेताओं के दल बदल का सिलसिला शुरू हो गया है। कुछ नेता टिकट की आस में दल बदल रहे हैं तो कुछ विचारधारा से प्रभावित हो कर। शनिवार को राजद को बड़ा झटका लगा है जब एक तरफ राजद के जिला उपाध्यक्ष वृषिण पटेल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया तो वहीं दूसरी तरफ राजद के पूर्व राज्यसभा सांसद अशफाक करीम ने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ जदयू का तीर थाम लिया।
अशफाक करीम को जदयू की सदस्यता बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने राज्यसभा सांसद संजय झा और अन्य नेताओं की मौजूदगी में दिलाई। अशफाक करीम ने जदयू की सदस्यता लेने के बाद राजद पर मुसलमानों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राजद बिहार की 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है लेकिन सिर्फ दो मुसलमानों को टिकट दिया है।
इसके साथ ही उन्होंने राजद पर भागलपुर दंगों के आरोपियों को संरक्षण का आरोप लगाया और कहा कि राजद ने उन्हें सम्मानित भी किया जबकि नीतीश कुमार ने भागलपुर दंगा के पीड़ितों को न्याय दिलवाया। अशफाक करीम ने कहा कि नीतीश कुमार के बारे में कहा जाता है कि वह भाजपा के साथ हैं लेकिन फिर भी उन्होंने सभी जाति धर्म को बढ़ावा दिया है। यही वजह है कि राजद को वोट देने वाले 90% युवा अब जदयू को वोट देंगे।