डीएनबी भारत डेस्क
एक ओर राज्य की सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है लेकिन नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा जिले में भी आज भी ऐसे मानसिकता वाले लोग हैं जो बेटियो का जन्म लेना अभिशाप समझते हैं। गौरतलब है की नालंदा जिले के सदर अस्पताल में महिला ने एक साथ दो बच्चियों को जन्म दिया फिर महिला की अचानक तबीयत बिगड़ गई, इसके बाद महिला की मौत हो गई। नवजात बच्ची को अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था लेकिन उसकी मां की मौत बाद बच्ची को छोड़कर परिवार वाले घर भाग गए। जबकि मृतका के शव लेकर परिजन घर चले गए। इसके बाद अभी तक बच्ची को देखने के लिए उसके परिवार से कोई नहीं आया है।
बता दें कि बीते गुरुवार को चंडी थाना इलाके के महानंदपुर गांव निवासी हरेंद्र पासवान के पत्नी रीना देवी ने सदर अस्पताल में 18 मई को दो बच्ची को एक साथ जन्म दी थी। बीते बारह दिनों से बच्ची सदर अस्पताल में भर्ती है। अस्पताल के कर्मी ने नवजात बच्ची के परिजनों से कई बार संपर्क किया लेकिन अभी तक परिवार वाले देखने के लिए एक बार भी अस्पताल नहीं पहुंचे। नवजात बच्ची के परिजनों का घर बिहारशरीफ मुख्यालय से महज चार किलोमीटर की दूरी पर है लेकिन फिर भी बच्ची को घर ले जाने के लिए कोई भी परिवार का सदस्य अस्पताल नहीं पहुंच रहा है।
वही इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि डॉक्टरों की देखरेख में दोनों बच्चे काफी सुरक्षित है उन्होंने कहा कि हमारा अथक प्रयास रहेगा कि दोनों बच्ची को सुरक्षित उनके परिवार वालों को सुपुर्द कर दें। सिविल सर्जन ने भी माना की लड़की होने के कारण ही परिजन दोनों बच्चियों को अस्पताल में छोड़ कर भाग गई।
नालंदा से ऋषिकेश