चार दिवसीय श्रीरामजानकी विवाहोत्सव 27 से

 

डीएनबी भारत डेस्क 

चार दिवसीय श्रीजानकी विवाह महोत्सव आगामी 27 से 30 नवंबर तक बीहट विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में अग्रहन शुक्ल पक्ष पंचमी को प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी धूमधाम से मनाया जाएगा। वहीं चार दिवसीय श्रीजानकी विवाह महोत्सव की शुरूआत 27 नवंबर को देव निमंत्रण तथा मंडपाच्छादन तथा मटकोर से होगा। 28 नवंबर को बारात प्रोशेसन के बाद शाम में विवाह संपन्न होगा। 29 नवंबर को सियरनिवास के कोहबर में रामकलेवा एवं 30 नवंबर की रात चौथ चौथारी के विधान के साथ ही विवाह महोत्सव संपन्न होगा। विवाह महोत्सव को लेकर मंदिर परिसर के रंग रोगन से लेकर संजाने व संवारने का कार्य अंतिम चरण में है। वहीं मंदिर परिसर में दुकानें भी सजनी शुरू हो गयी है।

बेगूसराय जिले के बीहट का श्रीजानकी विवाह महोत्सव वैष्णव माधुर्य भक्ति की पराकाष्ठा का परिचायक है। वर्ष 1931 से प्रत्येक वर्ष अगहन शुक्ल पक्ष की पंचमी को श्रीजानकी विवाह महोत्सव का आयोजन होता आ रहा है। मिठास व लावण्य से परिपूर्ण बीहट विश्वनाथ मंदिर का श्रीजानकी विवाह महोत्सव बेगूसराय जिले की सांस्कृतिक तथा धार्मिक महत्ता को बढ़ाता है। लोग जहां परब्रह्म की अराधना दासभक्ति से करतें हैं, वहीं मिथिलाचंल यानि बीहट के लोग संबंधी यानि दुल्हा के रूप में करते हैं।

बीहट व आसपास के क्षेत्रों में अध्यात्मिक गुरू घराना के रूप में विख्यात विश्वनाथ मंदिर के तात्कालीन पीठासीन आचार्य पंडित वासुकीशरण उपाध्याय उर्फ नुनू सरकार जी के द्वारा वर्ष 1931 में श्रीजानकी विवाह महोत्सव की शुरूआत की गयी थी और तब से यह अनवरत जारी है। इस दौरान जनक की भूमिका निभाने वाले पीठासीन आचार्य राजकिशोर शरण जी महाराज ने बताया कि बीहट के आध्यात्मिक गुरु ने परमब्रह्म को पाहुन के रूप आराधना करने का अधिकार दिया और इस वजह से बीहट के लोगों का शारश्वत संबंध परब्रह्म से जुड़ता है। मेला क्षेत्र में झूला, चूड़ी, नास्ता, गोल-गप्पे सहित अन्य छोटे बड़े दुकान लगते हैं।

बेगूसराय से धर्मवीर कुमार 

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