अनाज पैदा करें विष नहीं,प्राकृतिक खेती समय की मांग डॉक्टर रामपाल
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर में किसान अनाज पैदा करें विष नहीं । खेतों में बे तरकीब रासायनिक खाद एवं कीटनाशक के प्रयोग के कारण आज अनाज नहीं अनाज के रूप में विष पैदा हो रहा है। इससे लोगों में गंभीर बीमारी फैल रहा है तो दूसरी ओर खेतों की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है ।खेती में लागत मूल्य बढ़ रहा है मुनाफा घट रहा है ।परिणाम स्वरुप खेती घाटे का सौदा बनते जा रहा है। अब भी हम नहीं संभाले तो भविष्य में इसका व्यापक नुकसान झेलने के लिए हम सबको तैयार रहना चाहिए। उक्त बातें सोमवार को प्रखंड मुख्यालय में आत्मा द्वारा आयोजित रबी महोत्सव सह कृषक प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र खोदाबंदपुर के वरीय वैज्ञानिकसह प्रभारी डॉक्टर रामपाल ने कहा।
उन्होंने कहा आज के दौर में प्राकृतिक खेती समय की मांग है। वैज्ञानिक विधि से खेतों में जैविक रसायन और कीटनाशी के प्रयोग से प्राकृतिक खेती करने पर कम लागत में अधिक उत्पादन मिलेगा। साथ ही अनाज में पोषक तत्व प्रचुर होगा जिसे खाने पर शरीर स्वस्थ और विकसित होगा। किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य मिलेगा । तब जाकर भारत सरकार की जो मनसा है किसनों की आय को दोगुना करने का वह संभव हो सकेगा। डॉ रामपाल ने परंपरागत खेती से ऊपर उठकर व्यवसायिक कृषि पर बल दिया ।और किसानों को इसके लिए प्रशिक्षित और प्रेरित करने को आवश्यकता बताया। कार्यक्रम को कृषि समन्वयक डॉक्टर रंजय कुमार ने संबोधित करते हुए कहा बिहार सरकार खेती किसानी के लिए कृषि यंत्रों और बीजों पर अनुदान देती है।
आत्मा के माध्यम से अनुदानित बीज और कृषि यंत्रों की आपूर्ति की जाती है ।इसके लिए किसान का निबंधन होना आवश्यक है। कृषि संबंधी कोई भी सरकारी अनुदान या लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों का निबंध जरूरी है ।हमारे सभी किसान सलाहकार किसानों को इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं ।जहां तक खाद की समस्या है हम लोगों का प्रयास है आवश्यकता के अनुसार किसानों को रासायनिक खादों की आपूर्ति हो और सही कीमत पर हो ।इसकी सुनिश्चितता के लिए हम लोगों द्वारा लगातार खाद बीज के दुकानों पर जांच एवं छापामारी किया जाता है।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट