भाई वह जो सम्पत्ति नही विपत्ति बांटता है :-आचार्य श्याम जी

खोदावंदपुर प्रखंड क्षेत्र के मेघौल पश्चिम शिवाला पर आयोजित सात दिवसीय राम कथा सह ज्ञान यज्ञ का किया जा रहा है आयोजन

डीएनबी भारत डेस्क

भाई वह जो भाई से सम्पत्ति नही विपत्ति बांटता है। जो विपत्ति नही सम्पत्ति बांटता है उसको भाई कहलाने का नैतिक हक नही है। उक्त बातें खोदावंदपुर प्रखंड क्षेत्र के मेघौल पश्चिम शिवाला पर आयोजित सात दिवसीय राम कथा सह ज्ञान यज्ञ में व्यास पीठ से प्रवचन करते हुए जौनपुर उत्तर प्रदेश से पधारे कथा वाचक आचार्य श्याम जी शास्त्री महाराज ने भरत चरित्र करते हुए कहा।

आचार्य ने कहा विश्व मे भरत सा भाई दुर्लभ है। श्रीराम कथा में जब भरत अयोध्या से राम को मनाने अपने कुटुंब और सकल प्रजा के साथ चित्रकूट आते हैं और मर्यादा पुरुषोत्तम राम से अयोध्या वापस चलने का अनुनय विनय करते हैं । बावजूद राम अयोध्या वापस लौटने को तैयार नही होते हैं । तब भरत एक ही पिता का पुत्र होने के नाते भाई के रूप में राम से अपना हक मांगते हैं ।

ऐसा सुन राम आश्चर्य में पड़ जाते हैं और सोचते हैं भाई भरत अपने हक का आज बटवारा चाहता है । लेकिन जब भरत संपत्ति नही विपत्ति का बटवारा मांगते हैं तो भगवान राम के आँखों से आंसू के अविरल धारा निकल पड़ती है । और भाई भरत को गले लगाकर कहने लगते हैं । भरत भाई तुम सा नही कोई भाई , तभी आकाशवाणी होती है और भाई भरत दुनियां के सर्वोत्तम भाई में पूजे जाते हैं ।

आचार्य के भक्तिपूर्ण व मार्मिक भरत चरित्र के प्रस्तुति से पूरा पंडाल उनके स्वागत तालियों से गुंजायमान हो उठा । कथा में स्वागताध्यक्ष उमा शंकर सिंह , चन्द्रशेखर सिंह चन्नू , शशि भूषण सिंह , राधा सिंह , गोविंद प्रसाद सिंह , वैद्यनाथ सहनी , स्वामीनाथ ठाकुर सहित सैकड़ो श्रोता मौजूद थे ।

बेगूसराय खोदावंदपुर संवादाता नीतेश कुमार की रिपोर्ट