डीएनबी भारत डेस्क
नालंदा के लहेरी पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि कुछ अपराधकर्मी हथियार से लैश होकर किसी बड़ी अपराधिक घटना को अंजाम देने हेतु वाहन से निकले है। इसी क्रम में पुलिस टीम को बाजार समिति के पास एक बिना नम्बर की स्कॉपियो दिखी जिसमें सवार अपराधकर्मी पुलिस को देखकर गाड़ी से निकलकर भागने लगे। भाग रहे छः लोगों को पुलिस ने पकड़ कर जब तलाशी ली तो इनलोगों के पास से दो लोडेड देशी पिस्तौल एवं 10 जिंदा कारतूस बरामद हुआ।
पूछताछ के क्रम में अभय कुमार उर्फ बौआ यादव एवं उसके साथ इस गैंग के अपराधकर्मी होने की पुष्टि हुई। हिरासत में लिये गये सभी अभियुक्तों का लम्बा अपराधिक इतिहास पाया गया है। सभी पूर्व में रंगदारी, हत्या, हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट, लूट एवं अन्य गंभीर शीर्ष के अपराधिक कांडों में आरोप पत्रित एवं वांछित रहे है। अभियुक्तों से कड़ाई से पूछताछ की जा रही है। वहीं परिजनों ने इस मामले को लेकर पुलिस को पर गंभीर आरोप लगाते हुए बिना वजह गिरफ्तारी की बात कही है।
परिजनो ने पुलिस के ऊपर मारपीट करने का भी आरोप लगाया है। लोगों के शरीर पर कई गंभीर चोट के निशान भी साफ तौर पर देखे जा सकते हैं। अब सवाल ये उठता है के इतने बड़े अपराधी की गिरफ्तारी होने के बाद सदर डीएसपी के द्वारा प्रेस वार्ता क्यों नहीं की गई। इस मामले को लेकर डीएसपी डॉ शिब्ली नोमानी ने फोन पर बताया कार्रवाई करने में देरी होने के कारण प्रेस वार्ता का आयोजन नहीं किया गया।
नालंदा से ऋषिकेश