बिहार के अबतक के सबसे लंबे पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशोर, पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से शुरू हुई 3500+ किमी की पदयात्रा
डीएनबी भारत डेस्क
प्रशांत किशोर ने 5 मई को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बताया था कि 2 अक्तूबर से वो पूरे बिहार की पदयात्रा पर निकलेंगे। 2 अक्तूबर के दिन उन्होंने बिहार के पश्चिम चंपारण जिले स्थित भितिहरवा गांधी आश्रम से इस पदयात्रा की शुरुआत की। पदयात्रा के पहले दिन प्रशांत किशोर ने 10 किमी का सफर पैदल तय किया। भितिहरवा गांधी आश्रम से पैदल चलते हुए प्रशांत किशोर और उनके साथ सैकड़ों पदयात्री रात्रि विश्राम के लिए गौनहा प्रखंड मुख्यालय पहुंचे। 3 अक्तूबर को पदयात्रा की शुरुआत यहीं से होगी। 2 अक्तूबर की सुबह पटना से सकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ प्रशांत किशोर भितिहरवा के लिए रवाना हुए। रास्ते में बिहार के 38 जिलों से आए हजारों की संख्या में लोगों ने हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी और बेतिया में उनके साथ जुड़ते चले गए। सभी लोग के साथ प्रशांत किशोर भितिहरवा पहुंचे और सबसे पहले गांधी आश्रम पहुंच कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म जयंती के अवसर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
पदयात्रा के शुभारंभ पर आयोजित जनसभा में प्रशांत किशोर ने कहा, “इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य है समान विचार वाले सभी लोगों को एक साथ जोड़ना और सबके सामूहिक प्रयास से बिहार में व्यवस्था परिवर्तन करना और बिहार को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल करना। पदयात्रा के माध्यम से बिहार के विकास के लिए अगले 15 सालों का विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा। यह विजन डॉक्यूमेंट विकास के 10 बड़े मानकों जैसे की शिक्षा, स्वास्थ, बेरोजगारी, कृषि आदि मुद्दों पर तैयार होगा।” प्रशांत किशोर ने जोर देते हुए कहा कि अगर मैंने यह करने का फैसला किया है तो सोच समझकर किया है।
सुनिश्चित की जाएगी कस्तूरबा गांधी मिडिल स्कूल के बच्चियों की पढ़ाई लिखाई की सुविधा
प्रशांत किशोर ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि भितिहरवा गांधी आश्रम के समीप स्थित कस्तूरबा गांधी मिडिल स्कूल जब तक सरकार से मान्यता प्राप्त नहीं हो जाता, तब तक हम लोग वहां पढ़ाई कर रही बच्चियों की शिक्षा का जिम्मा उठाएंगे।