डीएनबी भारत डेस्क
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर बिहार के युवाओं को नौकरी के नाम पर ठगने का आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने पिछले साल 15 अगस्त को गांधी मैदान में कहा था कि अगले एक साल में 10 लाख नौकरी देंगे। मैं आपको बता रहा हूं कि ये वही नीतीश कुमार हैं जो पिछले 2 सालों से 10 लाख नौकरी पर हंसी उड़ाते नजर आते थे। नीतीश कुमार खुद कहते नजर आते थे कि 10 लाख नौकरी इतनी आसानी से नहीं दी जा सकती है। नीतीश कुमार को महागठबंधन बनाने के बाद रातों-रात ज्ञान हो गया है कि 10 लाख नौकरी दे सकते हैं जो बिल्कुल अविश्वसनीय है। ‘भरी दुपहरी में नीतीश कुमार बिहार के लोगों के आंख में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं।
पहली कैबिनेट में पहले सिग्नेचर से ही 10 लाख नौकरी देने का वादा तेजस्वी की अज्ञानता को दिखाता है
तेजस्वी यादव को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। जिनके मां-बाबू 15 सालों तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे, उन्होेंने एक रोजगार तो दिया नहीं। तेजस्वी यादव ने सरकार में आते ही कहा था कि हम सरकार में आएंगे तो पहली कैबिनेट में पहले सिग्नेचर से ही 10 लाख नौकरी दे देंगे। ये तेजस्वी की अज्ञानता को दिखाता है कि यदि आप 10 लाख नौकरी दे रहे हैं तो पहली कैबिनेट में एक सिग्नेचर करके कैसे 10 लाख नौकरियां दे देंगे? नौकरी देने के लिए एक प्रक्रिया है जिसके तहत नौकरी के लिए नियमावली है, नौकरी में कितने पद होंगे, आवेदन की प्रक्रिया है, आवेदनकर्ता की योग्यता है।
तेजस्वी ने चुनाव प्रचार के दौरान पूरे बिहार में घूम-घूमकर लोगों से कहा था कि पहली ही कैबिनेट में पहला ही सिग्नेचर करेंगे और 10 लाख लोगों को नौकरियां मिल जाएंगी। अब कैबिनेट हो नहीं रही है या कलम की स्याही सूख गई है? अगर आप मुख्यमंत्री के लड़के होते हुए भी 10वीं पास नहीं कर पाएं हैं तो आपको कलम चलाना कितना आता होगा? इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है। तेजस्वी यादव अभी शायद सिग्नेचर करना सीख रहे हैं, जैसे ही सीख जाएंगे तो 10 लाख लड़कों को नौकरियां मिल जाएंगी।