दुनिया कहां से कहां पहुंच गई और बिहार खिचड़ी खाने और बांटने में रह गया – प्रशांत किशोर

जन सुराज पदयात्रा का 61वें दिन आदापुर से छौड़ादानो पहुंचे प्रशांत किशोर, कहा - बिहार के किसानों को एमएसपी मिलने लगे तो उन्हें 25 से 30 हजार करोड़ का फायदा

 

जन सुराज पदयात्रा का 61वें दिन आदापुर से छौड़ादानो पहुंचे प्रशांत किशोर, कहा – बिहार के किसानों को एमएसपी मिलने लगे तो उन्हें 25 से 30 हजार करोड़ का फायदा

डीएनबी भारत डेस्क 

जन सुराज पदयात्रा के 61वें दिन प्रशांत किशोर ने पूर्वी चंपारण के आदापुर प्रखंड स्थित जन सुराज पदयात्रा शिविर में मीडिया से बात की। जन सुराज पदयात्रा आज पूर्वी चंपारण के आदापुर प्रखंड के भेड़ीहारी, दुबहा, पुरैनिया, तीनकोनी, दरपा पंचायत होते हुए रात्रि विश्राम के लिए छौड़ादानो के जीतपुर गांव पहुंचेगी। प्रशांत किशोर ने पदयात्रा शुरू होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पदयात्रा के दौरान दिखीं कई सारी समस्यायों का विस्तार से जिक्र किया। किसानों की समस्यायों पर बात करते हुए बताया कि राज्य सरकार ने किसानों को बिचौलियों और बाजार के हवाले छोड़ दिया है, इसके कारण उनके समक्ष अनेको समस्याएं खड़ी हो गई है। बिहार में किसानों की स्थिति बहुत ही दयनीय है। किसानों को उचित समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है। पिछले कई सालों में सिर्फ 13% धान और 1% गेहूं की खरीदारी समर्थन मूल्य पर हुई है। अगर किसानों का फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिकने लगे तो बिहार के किसानों को 25 से 30 हजार करोड़ का फायदा हो सकता है। बिहार के सिर्फ एक तिहाई किसान अगर सब्जी की खेती करने लगे तो हमारे पास इतनी सब्जी होगी की हम पूरे देश में अपनी सब्जी बेच सकेंगे। किसानो की स्थिति ऐसी है कि बिहार में किसी किसान के घर में सरकारी नौकरी नहीं है तो उनको खाना खाने तक में मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।

दुनिया कहां से कहां चली गई और बिहार खिचड़ी खाने और बांटने में रह गया
प्रशांत किशोर ने बिहार के मौजूदा हालात के लिए बिहार में दशकों से सत्ता पर काबिज नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “बिहार के नेता और जनता आज भी 1960 में जी रहे हैं, नेता खुद भी अनपढ़ हैं और पूरे समाज को अनपढ़ बना रहे हैं। समाजवाद का ढोंग करने वाले लोग समाजवाद के नाम पर गरीबी और अशिक्षा का बंटवारा किया है। बिहार के स्कूलों में सिर्फ खिचड़ी बांटी जाती है। इसके आगे उन्होंने कहा सरकार कि पूरी व्यवस्था लॉ एंड ऑर्डर और शराबबंदी तक ही सीमित रह गई। उसमें भी सरकार असफल रही है। 50 साल पहले भी लोग आवास और अनाज मांग रहे थे, आज भी लोग आवास और अनाज मांग रहे हैं। यहां की सरकारों ने पूरे समाज को अशिक्षित बनाकर समतामूलक राज्य बना दिया।”

अब बिहार में नए विकल्प की आवश्यकता है
जन सुराज पदयात्रा पर चल रहे प्रशांत किशोर ने मीडिया को बताया कि जन सुराज का पूरा अभियान बिहार के सभी सही लोग जो सही मायनों में बिहार को विकसित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन व्यवस्था की कमी के कारण यह लोग अपने प्रयास को आगे बढ़ाने में नाकामयाब रहे। उसके साथ ही उन्होंने पदयात्रा पर चर्चा करते हुए बताया की हमारा प्रयास है कि समाज को मथ कर सही लोगों को समाज के बीच से लाकर एक मंच पर खड़ा किया जाए। सभी लोगों की सहमति होगी तो दल भी बनाया जाएगा और बिहार के बेहतर भविष्य के लिए चुनाव भी लड़ा जाएगा।

बिहार की स्थिति तब सुधरेगी, जब 4-5 हजार अच्छे लोग मुखिया बनेंगे
बिहार की दशा पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा की अगर आप सही नेता का चयन नहीं कर सकते तो आज जिस दशा में हैं, उसी दशा में जीवन भर रहना पड़ेगा। कुर्ता के ऊपर बनियान पहनने वाले को ही बिहार के लोग जमीनी नेता मान रहे हैं, जिसे बदलने की जरूरत है। इसके आगे उन्होंने कहा बिहार तब सुधरेगा जब बिहार में 4-5 हजार अच्छे लोग मुखिया बनेंगे, क्योंकि एक व्यक्ति या एक दल के जीतने से बिहार नहीं सुधरेगा। नीतीश कुमार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा नीतीश कुमार के पूरे 17 साल के कार्यकाल की सबसे बड़ी नाकामी है शिक्षा व्यवस्था का ध्वस्त हो जाना।

biharDNBDNB Bharateast champaranJan SurajJan Suraj padyatraPrashant kishor
Comments (0)
Add Comment