अपराधी से ज्यादा फुलवड़िया थानाध्यक्ष की मनमानी एवं पुलिस और उनके वॉनसर से डरे सहमे हुए हैं क्षेत्र के लोग- योगाचार्य गुडाकेश।
डीएनबी भारत डेस्क
भारतीय उपभोक्ता संरक्षण समिति के सभी उपसमिति के पदाधिकारियों की बैठक कमजोर लोगों की सुरक्षा के मुद्दे फुलवड़िया में आयोजित किया गया। बैठक की अध्यक्षता योगाचार्य गुडाकेश ने किया। अध्यक्षता करते हुए योगाचार्य गुडाकेश ने कहा कि अपराधी से ज्यादा फुलवड़िया थानाध्यक्ष की मनमानी से डरे सहमे हुए हैं क्षेत्र के लोग।जमीन दलाल,थाना दलाल,दारू दलाल एवं पुलिस की जोड़ी फुलवड़िया थाना क्षेत्र के गरीब, शोषित और पीड़ित को लूट रही है। जिसके हाल-फिलहाल कुछ मामलों के साथ दर्जनों सबूत है।
समिति के प्रयास से तेघड़ा डीएसपी रविंद्र मोहन प्रसाद ने थानाध्यक्ष द्वारा पुलिस-पब्लिक मीटिंग, पुलिस व्यवसायी मीटिंग करने का निर्देश दिया। ताकि स्थानीय थाना पुलिस पदाधिकारी आमलोगों और व्यवसायियों से मित्रवत हो सके। लेकिन थानाध्यक्ष ने बिचौलिए की मदद से डीएसपी को गुमराह कर चोरी छिपे मीटिंग का काॅलम पूरा कराया। समिति ने उक्त बातों का थानाध्यक्ष से बातचीत के रिकॉर्डिंग का दावा किया है। आमसभा की तरह माइकिंग कर मीटिंग करने प्रावधान का पालन थानाध्यक्ष फुलवड़िया द्वारा नहीं किया गया।
वहीं बैठक में डॉ संजीव भारती ने कहा फुलवड़िया थाना लगातार वैसे जनप्रतिनिधि को मुकदमा में फ़साता है जो गलत का विरोध करता है। साक्ष्य रहने के बाबजूद झुठा सुपरविजन रिपोर्ट बनाया जाता है। शोकहरा निवासी सीता देवी पूर्व पंचायत समिति सदस्य एवं एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि रही है, इनका परिवार तारी व्यवसाय से अलग है। इनका एक लड़का शिक्षक और लड़की दरोगा है। सभ्य परिवार को साजिश के तहत फसाना समाज को चुनौती देना है। दारू ढूंढने के नाम पर पुलिस द्वारा महिलाओं को जलील करना, विरोध करने पर झुठा मुकदमा कर जेल भेज देना तथा पूर्व जिला पार्षद को भी अभियुक्त बना देना काफी निंदनीय है।
समिति ने तीन सदस्यीय कमिटी गठन कर पूरे मामले की सभी बिन्दुओं पर जांच कर वरीय पदाधिकारी को सबूत के साथ सौंपेंगी। तथा सार्वजनिक रूप से जांच की मांग करेगी और दोषी पुलिस पर कार्यवाई की मांग करेगी। फुलवड़िया थाना की निगरानी में ई-रिक्शा चालकों से अवैध बैरियर वसूली चरम पर है। जो एसडीओ के मना करने के बाद भी थानाध्यक्ष की मिलीभगत से चालू है। थाना परिसर में प्राइवेट मुंशी नन्हे कुमार द्वारा थाना पर पहुंचने वाले फरियादी के साथ बदतमीजी से बात और व्यवहार किया है। माध्यम, गरीब पीड़ित परिवार का आर्थिक दोहन किया जाता है।
थाना परिसर में लगे सीसी कैमरे फुटेज की जांच हो
वहीं डाॅ संजीव भारती ने कहा थाना परिसर में लगे सीसी फुटेज का जिला पुलिस कप्तान या डीएसपी तेघड़ा के द्वारा अवश्य जांच कराई जाए। खूद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। चौक चौराहे पर मोटरसाइकिल चेकिंग के नाम पर अनावश्यक मारपीट करना ,चौक चौराहे के पान चाय, फास्टफुड दुकानदार का आर्थिक दोहन के साथ बगैर रूपया दिये सामान ग्रहण कर लेना। दुकानदार के द्वारा रूपया मांगने के बाद ग्राहकों की तलाशी लेकर परेशान करना और दुकानदार को जल्दी दुकान बंद करने की धमकी देना।
पासपोर्ट सत्यापन, आचरण प्रमाण पत्र बनाने, सहित कोर्ट द्वारा केश डायरी बिना पैसा का नहीं भेजा जाना। शरीफ व निर्दोष को राह चलते उठा लेना और दलालो के माध्यम से छोड़ने का मूल्य तय करना,जमीनी विवाद को आपराधिक विवाद बनाना, पैसा लेकर गलत जमीन की घेरावन्दी करवाना, दारू पकड़ने के बाद सप्लायर तक नहीं पहुंचना लेकिन सीसी फुटेज मिलने के बाद भी निर्दोष को जेल भेज देना, पुलिस द्वारा पीड़ित के साथ गाली गलौज की रिकॉर्डिंग देने के बाद कार्यवाई नहीं किया जाने से साफ प्रतीत हो रहा है कि फुलवड़िया थानाध्यक्ष द्वारा राज्य सरकार और जिला प्रशासन को बदनाम करने की साजिश है।
समिति 27 नबम्बर को फुलबड़िया माता स्थान कैरिवारी में “न्याय सभा”लगाएगी। जिसमें बेगूसराय एसपी,तेघड़ा डीएसपी, तेघड़ा एसडी ओ ,कार्यपालक पदाधिकारी सहित सामाजिक संगठन को आमंत्र देगी। और पद का दुरुपयोग करनेवाले पदाधिकारी पर अगर कार्यवाई नहीं होती है तो मजबूरन सड़क पर जनतागिरी होगी, जेल जाकर भी गरीब को न्याय दिलाना पड़ेगा या कानून बचाने के लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़ेगा तो वे तैयार है,वैसे भी कई बार गलत मुकदमा में फसाने की बात थानाध्यक्ष नवीन कुमार कर चुके है।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धर्मवीर कुमार