मामला प्रखंड संसाधन केंद्र दुर्गावती (बीआरसी) का है।
डीएनबी भारत डेस्क
बिहार की शिक्षा व्यवस्था और सरकारी स्कूलों की बदहाल हालत किसी से छिपी हुई नहीं है। बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए राज्य सरकार करोड़ों खर्च कर रही है लेकिन बच्चों को पढ़ाने के बजाय उनसे इस उमस भरी गर्मी में सिर पर किताबें ढुलवाईं गईं। दरअसल यह ताजा मामला प्रखंड संसाधन केंद्र दुर्गावती (बीआरसी) पर शिक्षा विभाग सरकारी विद्यालयों में नामांकित छात्रों के बेहतर शिक्षा के लिए स्टडी बुक कॉपी पीने वाला पानी का बोतल सभी प्रखंड संसाधन केंद्र पर मुहैया कराई है।
इधर सभी तो नहीं मगर बहुततेरे विद्यालयों के प्रधानाध्यापक प्रखंड संसाधन केंद्र पर रखे गए सामग्री लेने के लिए पहुंचे थे। स्कूल टाइम के दौरान ही स्टडी सामग्री को लेने के लिए अपने साथ नाबालिक छात्रों को भी गुरू जी साथ ले आए थे। गुरु जी के द्वारा किराए पर लाया गया ऑटो ई रिक्शा बीआरसी केंद्र के बाहर खड़ा था।
और विभिन्न विद्यालयों के नाबालिक मासूम छात्र सामग्री का गट्ठर ढोकर गाड़ी में रख रहे थे। सवाल खड़ा होता है कि स्कूल अवधि के बीच छात्रों को स्कूल से प्रखंड संसाधन केंद्र क्यों लाया गया। नाबालिक बच्चों से भारी भरकम सामग्री क्यों ढूलवाया गया। इसका जवाब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के भी पास नहीं था। मीडिया का कैमरा चलने लगा स्कूली बच्चों को अंदर छुपाने की कोशिश की गई।
आकुछ देर बाद किताबें और कॉपी की पेटी ऑटो पर रखवाया गया। प्रखंड मुख्यालय पर रहे आम लोगों ने कहा कि दुर्गावती में सुशासन का नंगा नाच किया जा रहा है। शिक्षकों के भीतर प्रशासन का भय नहीं है और नाही समाज का डर। हालांकि पूछे जाने पर छात्रों ने बताया कि यहाँ गुरुजी लेकर आए हैं।
दूसरी तरफ मीडिया को देखते ही गुरुजी कमरे में खुद को बंद करने लगे। वही इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी दुर्गावती मालती नगीना ने बताया कि यह कोई खास बात नहीं है। जबकि एसडीएम मोहनिया राकेश कुमार ने कहा कि यह गंभीर मामला है जांच के बाद कार्रवाई होगी और इस मामले से डीएम सर को भी संज्ञान में देंगे।
कैमूर संवाददाता देवब्रत तिवारी की रिपोर्ट