डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर प्रखंड मुख्यालय में विभिन्न कार्यों से आने वाले आम लोगों को खुले में शौच जाने के लिए होना पड़ता है मजबूर, महिलाओं को होना पड़ता है शर्मसार।कहने को तो सम्पूर्ण खोदावंदपुर प्रखंड मुख्यालय ही ओडीएफ घोषित हो चुका है लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। ओडीएफ घोषित होने के बाद भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।
और तो और खोदावंदपुर प्रखंड मुख्यालय आने वाले आम नागरिकों को भी खुले में शौच जाना पड़ता है, चुंकि प्रखंड मुख्यालय में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है.ऐसी परिस्थिति में विशेष कर महिलाओं को काफी परेशानी होता है, उन्हें शर्मसार होना पड़ता है, स्थिति से अवगत होने के बावजूद भी कोई भी जिम्मेदार महकमा चाहे वह जनप्रतिनिधि हो अथवा नौकरशाह किसी ने भी इस मूलभूत आवश्यकता की और ध्यान नहीं दिया और ना ही दे रहे हैं।
सार्वजनिक शौचालय की समस्या का वास्तविक स्थिति
वर्षों पूर्व वर्तमान विधायक चेरिया बरियारपुर राजवंशी महतो जब बलिया लोकसभा से सांसद हुआ करते थे तब उन्होंने अपने सांसद कोष से खोदावंदपुर प्रखंड मुख्यालय में एसएच 55 के किनारे एक यात्री सेंड व सार्वजनिक शौचालय बनवाया था। यात्री पराव के बगल का यह शौचालय वर्षों से छतिग्रस्त है और यह शौचालय कचरे के ढेंर में तब्दील हो चुका है। पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमुद रंजन जी के कार्यकाल में लोहिया स्वच्छ मिशन कार्यक्रम के तहत प्रखंड मुख्यालय से पूरब और पंचायत समिति भवन के पीछे एक शौचालय बनाया गया था जो आज तक चालू नहीं हो सका।
शौचालय के आजू-बाजू जंगल झाड़ उग चुके हैं, और शौचालय जंगल के साथ साथ कबारा में तब्दील हो चुका है। प्रखंड मुख्यालय के दक्षिण इंदिरा आवास कार्यालय के बगल में एक शौचालय और एक मूत्रालय प्रखंड के स्थापना काल के साथ ही निर्माण कराया गया था। जब यहां अनुरंजन कुमार प्रखंड विकास पदाधिकारी के रूप में कार्यरत थे। तब हजारों की राशि से इसका जीर्णोद्धार किया गया था यह शौचालय और मूत्रालय भी कबाड़ा में तब्दील हो गया है।शौचालय में ताला लगा हुआ है और मूत्रालय गंदगी से फटा हुआ है। चाह कर भी कोई इसमें जाने की हिम्मत नहीं करता। प्रखंड मुख्यालय में राजस्व कचहरी के बगल और अंचल गार्ड के पीछे बरसों पूर्व शौचालय बनाया गया था जिसका उपयोग राजस्व कार्यालय में रहने वाले कर्मचारी और अंचल गार्ड के जवानों के साथ-साथ आम जन भी किया करते थे।
क्या कहते हैं स्थानीय ग्रामीण
प्रखंड खोदावंदपुर ओडीएफ प्रखंड है लेकिन प्रखंड मुख्यालय में एक भी सार्वजनिक शौचालय का नहीं होना प्रखंड के ओडीएफ होने पर सवाल खड़ा करता है, जब प्रखंड मुख्यालय में ही सार्वजनिक शौचालय नहीं है और जो है वह क्षतिग्रस्त हैं तो ग्राम पंचायत की क्या स्थिति होगी आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को अभिलंब इस पर ध्यान देना चाहिए और प्रखंड मुख्यालय में एक बृहत शौचालय मूत्रालय स्नानघर समेत पेयजल की सुविधाओं से लैस उसका मुकम्मल व्यवस्था करना जरूरी है।
*रामकृष्ण पोद्दार बताते हैं*प्रखंड मुख्यालय में सार्वजनिक शौचालय का नहीं होना विशेष रूप से महिला शौचालय का नहीं होना देश की आधी आबादी को शर्मसार करने जैसा है। किसी काम से प्रखंड आई महिलाओं को शौच महसूस होने पर या तो घर जाना होता है अथवा उन्हे खुले में खेतों की तरफ रुख करना होता है। जो बहुत ही निंदनीय और चिंता का विषय है। प्रशासन को इस दिशा में अभिलंब पहल करने की जरूरत है।
किसलय कुमार ग्रामीण का कहना है:- प्रखंड मुख्यालय में सार्वजनिक शौचालय नहीं है जो है वह कवारा बन चुका है। प्रत्येक दिन प्रखंड मुख्यालय दर्जनों महिलाएं और जवान बेटियों अपने विभिन्न कामों के लिए प्रखंड कार्यालय आती हैं।प्रखंड मुख्यालय में इन लोगों के सुविधा के लिए एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है।जो चिंता का विषय है। बिना देर किए प्रशासन को प्रखंड मुख्यालय में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करना चाहिए अथवा पूर्व से जो क्षतिग्रस्त शौचालय भवन है उन्हें मरम्त कर उपयोग के लायक बनाया चाहिए। प्रखंड मुख्यालय में सार्वजनिक शौचालय का नहीं होना एक सभ्य समाज के लिए कलंक है।
विवेक कुमार ग्रामीण का कहना है कि:-खोदावंदपुर प्रखंड मुख्यालय में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है जो चालू हो। प्रत्येक दिन यहां दर्जनों छात्राएं कौशल विकास केंद्र में कंप्यूटर ट्रेनिंग लेने अथवा आरटीपीएस में विभिन्न प्रमाण पत्र बनाने के लिए आती जाती है। अपने कामों के लिए घंटो यहां उनको रुकना पड़ता है। प्रखंड मुख्यालय में सार्वजनिक शौचालय और मूत्रालय नहीं रहने के कारण आवश्यकता पड़ने पर इनको काफी परेशानी होता है, अथवा शर्मसार होना पड़ता है। यह बड़ा ही दुखद है बावजूद जन प्रतिनिधि या स्थानीय प्रशासन यहां क्या कर रहे हैं समझ में नहीं आ रहा है। हमारी मांग है इस दिशा में बिना देर किए आवश्यक पहल करना चाहिए।
मंगलम कुमारी छात्र का कहना है कि:- प्रखंड मुख्यालय के विभिन्न कार्यालयों में पदाधिकारी के लिए शौचालय की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन आम लोग जिनके कार्य के लिए अधिकारियों को मानदेय दिया जाता है उनके लिए शौचालय की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।प्रखंड मुख्यालय स्थित वर्तमान समय में चालू हालत में एक भी सार्वजनिक शौचालय मूत्रालय नहीं रहने के बाबत जब प्रखंड विकास पदाधिकारी नवनीत नमन से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पंचायती राज विभाग से प्रखंड मुख्यालय में आधुनिक संसाधनों से लैस एक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण विचाराधीन है। विगत दिनों जिलाधिकारी के जनसंवाद में भी सार्वजनिक शौचालय का मामला स्थानीय ग्रामीणो द्वारा उठाया गया था। बावजूद ना तो सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया और ना ही पुर्व से निर्मित शौचालय की मरम्मत का चालू किया गया।
प्रखंड विकास पदाधिकारी नवनीत नमन का कहना है कि:-पंचायती राज विभाग का कुछ स्थानीय अर्चन है जिसे दुर करते हुए शीघ्र प्रखंड मुख्यालय में आधुनिक संसाधनों से लैस शौचालय मूत्रालय और स्नानागार का निर्माण कराया जाएगा
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट