कैमूर:-नीरा के नशा में किशोर ने फैलाया झूठी अपहरण की साजिश, पुलिस ने किशोर को किया बरामद, पूछताछ में अपहरण की बातें निकलीं झूठी

 

20 जून को बेलांव 112 डायल की पुलिस को फोन आया कि उचिनर गांव से लगभग 13 वर्ष के किशोर का अज्ञात अपराधकर्मियों के द्वारा अपरहण कर पहाड़ पर ले जाया गया है।

डीएनबी भारत डेस्क

कैमूर जिले से एक बेहद हीं रोचक खबर सामने निकलकर आ रही है जहां बेलांव थाना अंतर्गत उचिनर गांव अपने पापा के ननिहाल आए किशोर ने रास्ते में पहले नीरा का प्रयोग किया उसके बाद जब नशा हुआ तो अपने हीं आपको झूठी अपहरण की साजिश रच डाली। इस पूरे झूठ का पर्दाफाश तब हुआ जब पुलिस ने किशोर को सही सलामत पहाड़ से बरामद कर गहराई से पूछताछ की। दरअसल 20 जून को बेलांव 112 डायल की पुलिस को फोन आया कि उचिनर गांव से लगभग 13 वर्ष के किशोर का अज्ञात अपराधकर्मियों के द्वारा अपरहण कर पहाड़ पर ले जाया गया है।

सूचना के सत्यापन एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु डायल 112 की टीम त्वरित घटनास्थल पर पहुंचकर घटना स्थल से किशोर को बरामद कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर में इलाज भर्ती कराया।  इलाज के उपरांत किशोर और उसके गार्जियन को थाना बुलाया गया। पुलिस के द्वारा किशोर से पूछताछ के क्रम बताया कि अपराधकर्मियों के द्वारा मुझे हाथ पैर एवं मुंह बांधकर उठाकर ले जाने के क्रम में बेहोशी की गोली खिला दिया तथा उसके बाद में बेहोश हो गए।

हालांकि पुलिस ने जब किशोर से गहराई से पूछताछ किया तो किशोर ने बताया कि दिनांक 20 जून को न्योता लेकर अपने पापा के ननिहाल उचिनर आया था आने के क्रम में रास्ते में स्थित बगीचा में तार का नीरा हम तथा चाचा दोनों लोग ज्यादा मात्रा में पी लिए थे। पी करके जैसे ही नानी गांव पहुंचे तो मेरे चाचा के मोबाइल पर मेरी मौसेरी बहन का फोन आया फोन से बात करते-करते पहाड़ के ऊपर की तरफ जाने लगा जाने के दौरान मुझे चक्कर आया और मैं गिर गया कुछ देर बाद जब हो चाहे तो मैं अपने आप को उतारने में असमर्थ पाया तो मैंने मां को फोन करके बताया कि मुझे पहाड़ से तीन-चार लोग मरने के लिए उठा कर ले जा रहे हैं

थोड़ी देर बाद मेरे चाचा का फोन आया था चाचा को बताए कि दक्षिण तरफ पहाड़ के ऊपर में है आकर हमे ले लीजिए। चुकी मुझे डर हो गया था कि नीरा पीने और अधिक देर तक पहाड़ पर रह जाने के कारण मेरी मां मुझे डांटेगी इसलिए हमने ये अपने आप को अपहरण करने का साजिश रचा था।

कैमूर संवाददाता देवव्रत तिवारी की रिपोर्ट