बेगूसराय के बछवाड़ा में एनडीआरएफ की टीम ने चलाया जनजागरुकता। लोगों को आकाशीय बिजली, हार्ट अटैक, सर्पदंश, भूकंप की स्थिति से निपटने के लिए दिए कई टिप्स
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिले के बछवाड़ा प्रखंड मुख्यालय परिसर स्थित अम्बेदकर भवन में गृह मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर बीहटा एनडीआरएफ की टीम के द्वारा शुक्रवार को जागरुकता अभियान चलाया गया। जागरुकता अभियान के दौरान हार्ट अटैक, सर्पदंश, आकाशीय बिजली व भूकंप से लोगो को कैसे बचाया जा सके इस पर लोगों को जागरूक किया गया। ग्रामीण क्षेत्र जहां हमेशा सुविधा का अभाव रहता है वहां लोग कैसे एक दुसरे का व खुद का उपचार कर लोगो की जान बचाया जा सकता है इसके बारे में टीम के द्वारा विस्तृत रुप से जानकारी दी गयी।
जागरुकता अभियान के दौरान आपदा बल बीहटा के भरत वर्मा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में सुविधा का अभाव रहता है। ऐसी स्थिति में किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक हो जाय तो वैसे व्यक्ति को उसी समय सीपीआर किया जाय। अगर बुजुर्ग है तो उन्हे उसी समय हाथो से सीने के बीच एक मिनट में कम से कम एक सौ बार हाथों से प्रेसर देना चाहिए। बच्चो के लिए एक हाथ से प्रेसर देना चाहिए और दो वर्ष के अन्दर के बच्चो के लिए एक उंगली से प्रेसर देना चाहिए। ऐसे स्थिति में व्यक्ति को अगर छः मिनट के अन्दर सीपीआर नही किया जाएगा तो लकवा या ब्रेन हेमरेज का खतरा अधिक हो जाता है।
उन्होंने सर्पदंश की चर्चा करते हुए कहा कि भारत में दो सौ पंद्रह प्रकार के सांप की प्रजाति पायी जाती है जिसमें मात्र पंद्रह प्रतिशत ही सांप विषैले होते है। एक जगह एक साथ सांप काटने के बाद दांत के दो निशान पाये जाते है तो वह निश्चित रुप से विषैले सर्प की पहचान है। वहीं दो से अधिक दांतो के निशान वाले सर्प विषैले नही होते है। सर्पदंश के उपरांत ना तो बांधना चाहिए और ना ही कट लगाना चाहिए बल्कि ऐसी स्थिति में वैसे पीड़ित व्यक्ति को बिना हिले डुले नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाना चाहिए। वहीं उन्होंने आकाशीय बिजली व पानी में डूबने के बारे में विस्तृत चर्चा की। मौके पर मनोज कुमार राहुल, जोगी राय, नरेश चौधरी, चुन्नु कुमार सिंह, अमित कुमार समेत दर्जनो लोग मौजूद थे।