कलयुगी मां बाप ने एक महीने की बच्ची को बोरे में बंद कर झाड़ी में फेंका,राहगीर ने बचाई नौनिहाल बच्ची की जान

 

 

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय : जाको राखे साइया मार सके ना कोई ये पंक्ति उस बक्त चरितार्थ हुआ जब एक नवजात को बोरे मे बंद करके मा बाप ने झारी मे फेक दिया मरने के लिए।बच्ची की कसूर इतना था की वो लड़की थी।घटना चकिया थाना क्षेत्र का है जहा राहगीर बच्ची की रोने की आवाज पर रहनुमा बन कर झारी से निकालकर पुलिस को सौपा।

एक तरफ सरकार बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान चला रही है वही दूसरी तरफ लड़की की जन्म होने पर मरने के लिए झाडी मे फेंक दे रहे है । इस तरह सरकार की बेटी बचाओ अभियान कैसै सफल होग।। बताया जाता है कि चकिया थाना क्षेत्र मे  सड़क से दूर झारी से बच्चे की रोने की आवाज सुनकर राहगीर झारी के पास पहुंचा तो एक बोरे मे हलचल हुई और उसी बोरे से बच्ची की रोने की आवाज आयी जिसे राहगीर ने खोल कर देखा तो एक महिने की बच्ची बोरे मे लपेटे झारी मे परी थी

जिसे राहगीर उठाकर बाहर लेकर आया और वही चकिया थाना की डायल 112 पर फोन करके उक्त लावारिस बच्ची को पुलिस को सौंप दिया पुलिस ने तत्काल बच्ची को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल मे भर्ती कराया जहा बच्ची स्वास्थ्य बताया जा रहा है।

बेगूसराय से सुमित कुमार बबलू की रिपोर्ट