खोदावंदपुर का राजकीय नलकूप वर्षों से बंद,किसानों को पटवन में हो रही है परेशानी

लघु सिंचाई विभाग के अन्तर्गत लगाया गया था नलकुप

डीएनबी भारत डेस्क 

बेगूसराय जिले में भीषण गर्मी का मौषम है, किसान गरमा फसलो के आच्छादन में व्यस्त हैं। केंद्र एवं राज्य सरकार किसानों की आय को दोगुना करने का दाबे कर रही हैं । लेकिन सिंचाई के संसाधनों को ठीक करने की दिशा में कोई ठोस पहल नही किया जा रहा है।

घोषणाएं तो रोज होती है लेकिन धरातल पर देखने को नही मिल रहा है। सरकार और विभाग के इन खामियों का जीता जागता उदाहरण लघु सिंचाई विभाग के द्वारा वर्षो पूर्व लगाया गया लिफ्ट एरिगेशन का नलकूप मेंघौल पंचायत का मेंघौल एक और मेंघौल दो , खोदावंदपुर पंचायत का बजही एक और बजही दो तथा बाड़ा में लगाया गया नलकूप है।

बताते चले कि दशकों पूर्व मेंघौल मटिहानी मोइन किनारे मेंघौल में दो तथा खोदावंदपुर के बजही टोला में दो और बाड़ा पंचायत के बूढ़ी गंडक नदी किनारे एक कुल पांच नलकूप लगाए गए थे । इन नलकुपो से भुमिगत नाला द्वारा दूर दूर तक खेतो का पटवन किया जाता था। पानी पटवन को लेकर प्रत्येक नलकुप मे़ नलकूप चालक पदस्थापित होते थे। जो किसानों के खेतों को पटवन करते थे। तथा उसका साटा पट्टा बनाते थे। पटवन की राशि वसूल के लिए बजावता तहशीलदार नियुक्त था। किसान सस्ते दामो पर इन नलकुपो से अपने फसलो का पटवन किया करते थे।

लेकिन वर्तमान में पांच के पांच सभी नलकूप बंद हैं। कही भी न तो चालक न तो तहशीलदार और न चौकीदार ही कार्यरत है। सिर्फ और सिर्फ इसी नलकूप के लिए लगाया गया ट्रांसफार्मर वर्षो से जला हुआ है। और इनपर झाड़ी और लताओं ने अपना बसेरा बना रखा है। सबके सब भूमिगत नाला कब का टूटकर क्षतिग्रस्त हो गया है। प्रखंड में लगाए गए इन पांचों नलकूप से एक भी डिसमिल जमीन सिंचाई नही होता है। सबके सब खराब पड़े है।

सरकार द्वारा जनता पर लगाये गये करोड़ो की राशि टेंक्स जमींदोज हो गया है। इसको कोई देखने वाला नही है। हां यह बात सही है कि इन नलकुपो की देखरेख और संचालन का जिम्मा ग्राम पंचायतो को सौप दिया गया है । जो संचिकाओं की शोभा बढ़ा रहा है । किसी भी मुखिया ने वर्षो से खराब एवं बंद पड़े इन नलकुलो को चालू करने की दिशा में कुछ भी पहल नही किया है ।

प्रखंड के किसानों ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से बंद पड़े इन सरकारी नलकुपो को अतिशिघ्र ठीक कर चालू करवाने का मांग किया है । ताकि किसान सस्ते दामो पर अपनी फसलो की पटवन कर सकें । जिससे खेती का लागत मूल्य कम हो , उत्पादन बेहतर हो । किसानों के आय को दोगुना करने का सरकारी प्रयास सफल हो।

बेगूसराय खोदावंदपुर से नितेश कुमार की रिपोर्ट