बारिश कम होने से किसानों की धान रोपनी पर हुई संकट, कर्मनाशा नदी पर विपक्ष द्वारा राजनीति का खुला पोल
डीएनबी भारत डेस्क
कैमूर में इस वर्ष भी बारिश कम होने से किसानों की धान की रोपनी पूरी तरह से बाधित हो गई है। कर्मनाशा नदी व उससे निकलने वाली कई नहरें पूरी तरह से सूख चुकी है। वहीं किसानों की गंभीर समस्या को देखते हुए बसपा नेता सतीश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कर्मनाशा नदी पर राजनीति करने वाले विपक्षी नेताओं की कलई खोल दी है।
बसपा नेता सतीश यादव ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मीडिया को बताया कि कर्मनाशा नदी पर बने विश्वकर्मा पंप कैनाल का यह मुख्य नहर है और जुलाई माह के पिक सीजन में भी यह नहर सूखी पड़ी है। इस पंप कैनाल की जब स्थापना हुई थी तब इसका नाम जमानिया पंप कैनाल का नाम रखा गया था। क्योंकि जमानिया गंगा नदी का पानी लिफ्ट करके कर्मनाशा नदी में लाना था। लेकिन जो पूर्ववर्ती जनप्रतिनिधि व उनकी जो सरकारे थी उन्होंने जमानिया से गंगा नदी का पानी लाने की बजाय सिर्फ दिखाने के लिए करोड़ों रुपए का प्रोजेक्ट विश्वकर्मा पंप कैनाल कर्मनाशा नदी में बना दिया।
उन लोगों ने भविष्य की ओर ध्यान नहीं दिया इसलिए आज यह कर्मनाशा नदी व नहरें सूखी पड़ी है। पूर्व में जब सिंचाई मंत्री जगदानंद सिंह थे तो उन्होंने भी कोई ध्यान नहीं दिया। यही नहीं 2 से 3 दिन पहले इसी पंप कैनाल पर पूर्व विधायक अशोक सिंह भी प्रेस कॉन्फ्रेंस किए थे और उन्होंने कहा कि हम गंगा नदी का पानी लाकर रहेंगे।
लेकिन हम उनसे पूछना चाहते हैं कि जब वे विधायक थे और केंद्र में मोदी की सरकार उत्तर प्रदेश में योगी की सरकार थी तब उन्होंने यह पहल क्यों नहीं की क्या अमेरिका में भाजपा की सरकार बनेगी तब गंगा का पानी कर्मनाशा नदी में आएगा।
कैमूर संवाददाता देवब्रत तिवारी की रिपोर्ट