जैसे जैसे लोगो ने मोटे अनाज का त्याग करना शुरू किया वैसे वैसे लोग बीमारी की जद में जकड़ते चले गए।
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय-मोटे अनाज स्वस्थ्य और पोषण की दृष्टिकोण से लोगो के लिए बहूत ही महत्वपूर्ण है। इसलिए आज मोटे अनाज को श्रीअन्न,सुपर फ़ूड या फिर पोषक अनाज कहा जाता है। उक्त बातें बीडीओ नवनीत नमन ने मंगलवार को बाल विकास परियोजना कार्यालय में प्रखंड स्तरीय पोषण मेला का सामूहिक रूप से उद्घाटन करते हुए कहा। उन्होंने मेला में मौजूद सेविका व सहायिकाओं से कहा कि मोटे अनाज में छिपा है पोषण का खजाना, इसे खुद खाना और अपने टोले मुहल्ले के लोगो को खाने के लिए प्रेरित करना।
यह तभी सम्भव है जब लोग मोटे अनाज की खेती करेंगे। मोटा अनाज पोषण की दृष्टि से आनेवाले समय मे कितना महत्वपूर्ण होगा फिलवक्त इन मोटे अनाज की कीमतों से आप तुलना कर सकते हैं। पहले लोग ज्वार बाजरा, सामा, कुटकी, कोदो,कंगनी,चीना, कुट्टू जैसे मोटे अनाज का उत्पादन कर उसका सेवन करते और स्वस्थ्य शरीर पाकड़ दीर्घायु हुआ करते थे। जैसे जैसे लोगो ने मोटे अनाज का त्याग करना शुरू किया वैसे वैसे लोग बीमारी की जद में जकड़ते चले गए। इसलिए लोगो को मोटा अनाज का उत्पादन और सेवन करना जरूरी हो गया है।
इस दौरान उन्होंने कुपोषण मिटाने को लेकर सेविका व पर्यवेक्षिकाओं को शपथ भी दिलवाई तथा क्षेत्र से कुपोषण मिटाने के लिए आप आगे बढ़े,लोगो को सलाह दे, दहेज प्रथा,कम उम्र में शादी पर रोक लगावें। लोगो के बीच छोटा परिवार सुखी परिवार का नारा दें तथा उस पथ पर लोगो को चलने के लिए प्रेरित करें। तब जाकर हमलोग कुपोषण जैसे गभीर स्थिति पर काबू पा सकते हैं। बताते चले कि सोमवार को प्रखंड मुख्यालय परिसर स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय खोदावंदपुर में प्रखंड स्तरीय पोषण मेला का आयोजन किया गया।
मेले में फल सब्जी सहित सेविकाओं द्वारा पोषणयुक्त पोषाहार बनाकर मेले में प्रदर्शनी लगाई गई थी। जो देखते ही बन रही थी। इसकी जानकारी देते हुए लेखपाल मर्तण्डनाथ ठाकुर ने बताया कि मेला के सफल आयोजन में पर्यवेक्षिका उषा कुमारी , उपासना कुमारी,आरती कुमारी के अलावे सुरेंद्र कुमार, सुबोध कुमार का अहम योगदान रहा। मौके पर प्रखंड की सेविका व समाजसेवी राम कुमार उर्फ सरजी , संजय कुमार,गुलाब कुमार,चंदन कुमार उर्फ चंदन आर्ट वतौर अभिभावक मौजूद थे।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट