सुनील सिंह का विधान परिषद की सदस्यता समाप्त करना अलोकतांत्रिक और अघोषित आपातकाल का संकेत-

बिहार याज्य किसान सभा ने फैसले को गलत और अलोकतांत्रिक बताया

बिहार याज्य किसान सभा ने फैसले को गलत और अलोकतांत्रिक बताया

डीएनबी भारत डेस्क 

बिहार विधान परिषद में लोकतंत्र की आज हत्या हुई।
जनता के सवालों को विधान परिषद में उठाने और सरकार से सवाल पूछने के कारण विधान पार्षद सुनील सिंह की विधान परिषद की सदस्यता समाप्त करना जम्हूरियत की हत्या है।
विगत चार वर्षों से सदन के अंदर सुनील सिंह जनता के सवालों पर मुखर होकर सरकार को घेरने और बार-बार निरुत्तर करने के कारण एक सुनियोजित और सुविचारित साजिश के तहत नीतीश जी के दबाव में आज आचार समिति के 6 में से 3 सदस्यों के विरोध के बावजूद बिना आचार समिति में व्यापक डिस्कशन के वगैर एक तरफा फैसला लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

जिस मामले में सुनील सिंह की सदस्यता समाप्त की गई वे सिर्फ सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे जबकि सीएम नीतीश कुमार उन्हें बर्बाद कर देने की धमकी दे रहे थे।
सभापति ने नीतीश कुमार के दबाव में सुनील सिंह को अयोग्यता के लिए विधान परिषद में अनुशंसा की और विधान परिषद के अध्यक्ष ने अंतिम दिन इसे सभा पटल पर रखकर आनन-फालन में सदन से पास करवाना, लोकशाही की हत्या और तानाशाही का द्योतक है।

जबकि सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं विधान पार्षद सुनील सिंह को भरे सदन में तीन-तीन बार धमकी भरे लहजे में जोर-जोर से चिल्ला करके कहा कि तुमको हम बर्बाद कर देंगे। मगर आचार समिति को नीतीश जी पर कार्रवाई करने के बजाय उनके इशारे पर सुनील सिंह को बर्बाद करने के नियत से विधान पार्षद से बर्खास्त कर सभी माननीय विधायकों एवं विधान पार्षदो को एक धमकी भरा मैसेज दिया गया है।

सरकार से जनता के सवालों को पूछने के बजाय सरकार के हां में हां मिला करके चलो, नहीं तो जनता भले चुनकर सदन में भेजा है अपनी आवाज को सदन तक पहुंचाने हेतु मगर हम सदन से बर्खास्त कर देंगे सदन में बैठने नहीं देंगे भारतीय किसान यूनियन के बिहार प्रभारी दिनेश कुमार और बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रशासन में संयुक्त बयान में नीतीश सरकार की जनतंत्र विरोधी इस कार्रवाई की घोर निंदा करते हुए आक्रोश व्यक्त किया है।

बिहार के सभी लोकतंत्र प्रेमियों से अपील है कि सुनील सिंह को बर्खास्त करने की नीतीश सरकार की तानाशाही के खिलाफ आप अपनी आवाज को बुलंद करें और आंदोलन को तेज करें। अशोक प्रसाद सिंह महासचिव बिहार राज्य किसान सभा ने बिहार में आंदोलन तेज करने की बात कही

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