डीएनबी भारत डेस्क
अर्द्ध कुंभ सह कल्पवास मेला के सर्वमंगला शिविर में स्वामी चिदात्मन वेद विज्ञान अनुसंधान संस्थान सिमरिया धाम के द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय संगोष्ठी के अंतिम सह समापन दिवस पर महाकवि विद्यापति स्मृति दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। संगोष्ठी समारोह में उद्घाटन भाषण देते हुए शिक्षाविद् तथा राजकीय संस्कृत कालेज पटना के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार झा कहा कि विद्यापति सिर्फ मधुबनी या दरभंगा के ही कवि नहीं थे, वरन् वो मिथिला सहित सम्पूर्ण बिहार को गौरवान्वित करने वाले महाकवियों में हैं। हम मिथिला से अलग बिहार के अन्य जिलों वाले के लिए भी विद्यापति उतने ही आदरणीय हैं, जितने कि मिथिलावासीयों के लिए। तभी आज न सिर्फ मिथिला वरन् सम्पूर्ण बिहार और अब तो सम्पूर्ण देश में ही नहीं विदेशों में भी विद्यापति स्मृति दिवस को समारोह पूर्वक मना रहे हैं।
समारोह में मुख्य अतिथि मैथिली अकादमी, बिहार पटना के पूर्व अध्यक्ष डॉ इन्द्रकांत झा ने कहा विद्यापति के समग्र साहित्य को पढ़ने और जानने की जरूरत है, तभी हम उनके प्रति सही न्याय कर पाएंगे।और जरुरत है कि वेद विज्ञान अनुसंधान संस्थान सिमरिया धाम जैसे संस्थान को अपने संस्थान में विद्यापति के बारे में विषद जानकारी हेतु अलग से विस्तारित बैठक सह कार्यशाला आयोजित करना चाहिए, जो आज के नौनिहालों को अपने गौरवशाली परंपरा का ज्ञान प्राप्त हो। विशिष्ट अतिथि संयुक्त बिहार के पूर्व अवर सचिव डॉ श्री राम तिवारी ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में विद्यापति के प्रति दिली लगाव का झलक दिखलाया और दूसरे भाषा से ताल्लुक रखने के वावजूद आज इस समारोह में अपनी विशिष्ट उपस्थिति दर्ज कराई।
विशिष्ट अतिथि मिथिला अभियानी पंडित रत्नेश्वर झा ने कहा मिथिला और विद्यापति के प्रति वर्तमान बिहार सरकार का सौतेला व्यवहार रहा है, अपने भाषा और मिथिला के सम्यक विकास के लिए हमें भारतीय संविधान में मिथिला राज्य निर्माणके लिए प्रयास करना होगा, तभी हम मिथिला और मैथिली को सही स्थान दिला सकते हैं, जो हमारा अधिकार हैं। खासकर मैथिली भाषा के प्रति इस सरकार का रवैया अनूकूल नहीं है । सम्मानित अतिथि डॉ मेधाकर झा ने अपने उद्बोधन में विद्यापति के विषय में विस्तार से कई प्रसंगों को प्रमुखता से जानकारी देते हुए कहा कि वास्तव में हमें अपने पुरखों के बारे मे सही जानकारी ही नहीं प्राप्त हैं। सम्मानित अतिथियों में मैथिली कवि डॉ उमा शंकर झा ने अपने सुमधुर स्वर में कवि विद्यापति गीत/कविता प्रस्तुत कर दर्शकों को झूमा दिया।
सम्मानित अतिथि एकादशी गंगा पत्रिका के संपादक तथा मिथिला अभियानी प्रो हरेकृष्ण चौधरी प्रियदर्शी ने अपने उद्बोधन में मिथिला सेवी संस्थाएं और सरकारी ऊंचे पदों पर पदस्थापित पदाधिकारियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मैथिली भाषा के लिए किसी भी पदस्थापित पदाधिकारियों ने याद करने योग्य उपलब्धि नहीं दर्ज कराया है। उससे तो कहीं बेहतर कार्य हमारे जैसे मिथिलावासियों ने खासकर अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् के कार्यकर्ताओं के अनवरत मांग और प्रयास से आज मिथिला के विभिन्न स्टेशनों पर मैथिली में उद्घोषणा प्रारम्भ हो चुका है, बाकी स्टेशन पर भी प्रयासरत हैं।इस अवसर पर युवा मिथिला सेवी युवा फिल्म निर्देशक सुमित सुमन, ई मनोहर सिंह, ई अनूप झा ने भी कवि विद्यापति के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित किया।
समारोह में सर्व प्रथम पंडित पद्मनाभ ने स्वस्ति वाचन और जय जय भैरवी का गान प्रस्तुत कर शुभारंभ किया। उसके पश्चात आगत अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर विधिवत समारोह का शुभारंभ किया। समारोह में सभी सम्मानित अतिथियों को सर्वमंगला अध्यात्म योगपीठ सिमरिया धाम के अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी, सचिव दिनेश प्रसाद सिंह तथा सर्वमंगला पीठाधीश्वर समिति के अध्यक्ष सुलभानंद ने अंग वस्त्र, पुष्प हार तथा पाग भेंटकर सम्मानित किया। स्वामी चिदात्मन वेद विज्ञान अनुसंधान संस्थान सिमरिया धाम के सह सचिव तथा आज के कार्यक्रम के संयोजक प्रो पी के झा “प्रेम” ने सभी अतिथियों को संस्थान का साहित्य भेंट कर सम्मानित किया।
समारोह के अंत में सर्वमंगला परिवार के वरिष्ठ सदस्य तथा लोकसभा टीवी के एडीटर श्याम किशोर सहाय ने सभी अतिथियों, उपस्थित श्रोताओं तथा संगोष्ठी से जुड़े सभी पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में हमें और भी तन्मयता से इस कारवां को विश्व पटल पर स्थापित करने में लग जाना है। हम सभी इतिहास में स्वामी जी के साथ साथ याद किए जाएंगे।विद्यापति स्मृति पर्व समारोह में सुधी श्रोताओं के अतिरिक्त चिदात्मन वेद विज्ञान अनुसंधान संस्थान सिमरिया धाम के निदेशक डॉ विजय कुमार झा सह निदेशक विनय कुमार झा, सचिव सुधीर चौधरी,सह सचिव प्रो प्रवीण कुमार झा, सर्वमंगला अध्यात्म योगपीठ के अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी, सचिव दिनेश प्रसाद सिंह, मिडिया प्रभारी नीलमणि, वरिष्ठ सदस्य सुशील कुमार चौधरी, अरविंद चौधरी, आचार्य नारायण झा, पंडित पद्मनाभ, पंडित शिव कुमार, पंडित मोनू झा, राधे श्याम जी, डॉ नवीन कुमार सिंह, विपिन कुमार, श्याम सनातन,राम भारद्वाज, लक्ष्मण जी, महेश जी, प्रयाग राज से पंडित प्रदीप पांडेय, पंडित शुभम तिवारी, योगीराज आदि उपस्थित थे।
अवसर पर सर्वमंगला के संस्थापक स्वामी चिदात्मन जी महाराज तथा मुख्य व्यवस्थापक ब्रह्मचारी रविन्द्र कुमार जी समारोह में उपस्थित होकर सभी सम्मानित अतिथियों के अभिभाषण को तन्मयता से श्रवण करते रहे और सानिध्य देते रहे। अंत में सभी विद्वानों से द्वादश कुंभ पर अपनी लेखनी से सारगर्भित आलेख संस्थान को उपलब्ध कराने का सादर अनुरोध भी किया। और सभी सम्मानित अतिथियों को पुनः सर्वमंगला अध्यात्म योगपीठ सिमरिया धाम की ओर चादर से सम्मानित भी किया। इति शुभम् के साथ समारोह को विश्राम दिया गया। समारोह का संचालन शिक्षाविद् तथा संस्थान के अध्यक्ष डॉ घनश्याम झा जी ने किया।
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