मनरेगा पदाधिकारी के कार्यालय से गायब रहने से कर्मी भी रहते हैं अनुपस्थित, लोगों को हो रही है परेशानी

 

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर में गरीब के लोगो को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए पूरे देश मे मनरेगा योजना चला रखा है। इस योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रखंड में मनरेगा कार्यालय व कर्मियों को नियुक्त कर रखा है। जिनकी जिम्मेदारी प्रखंड स्तर के मनरेगा कामगारों को उनके पंचायतो में ही रोजगार मुहैया कराने की गारंटी कराना, तथा उन मजदूरों के समस्याओ का समाधान करना। खोदावंदपुर प्रखंड मुख्यालय में भी एक मनरेगा कार्यालय है।

जिमसें पीओ, जेई, पीटीए, कार्यपालक सहायक, पंचायत रोजगार सेवक, लेखपाल, अनुसेवक आदि का भारी भरकम फौज पदस्थापित हैं। मजेदार बात यह है कि प्रखंड मुख्यालय स्थित मनरेगा कार्यालय खुलता तो है लेकिन अधिकारी और कर्मचारी नदारत रहते हैं इक्के दुक्के कर्मचारी नजर आते हैं। खोदावंदपुर मनरेगा के पीओ विगत कई दिनों से कार्यालय से गांयब हैं। बुधवार को कई फरियादी पीओ से मिलने कार्यालय आए थे। पीओ कार्यालय में नही थे।

इसकी शिकायत फरियादियों ने संवाद दाता से किया। जब जागरण की टीम तहकीकात को के कार्यालय पहुँचा तो देखा कि पीओ का कक्ष खुला था। स्वयं अनुपस्थित थे पीओ का कुर्सी खाली था। मनरेगा कार्यालय खुला था। कक्ष में कर्मी लैपटॉप  पर कुछ टाइप कर रहा था। पूछने पर उन्होंने अपना नाम अमरेश कुमार पद कार्यपालक सहायक बताया। पीओ के नही रहने के बावत अमरेश ने बताया कि पीओ सर का नाम अनन्त कुमार दास है। सर का डियूटी आज चेरिया बरियारपुर है। अन्य कर्मचारियों की अनुपस्थिति के बारे में उन्होंने चुप्पी साध लिया।

पीओ के संदर्भ में रोस्टर चार्ट बनने अथवा सूचना पट पर उसका प्रदर्शन के बावत अमरेश ने बताया कि ऐसा यहां कुछ भी नही है। सही मायने में कहे तो खोदावंदपुर मनरेगा कार्यालय में जंगल राज कायम है। भाकपा अंचल मंत्री उदयचंद्र झा, भाकपा नेता नेता जागेश्वर राय, माले अवधेश कुमार आदि अनेक राजनीतिक कार्यकर्ताओ मनरेगा कामगारों ने उप विकास आयुक्त बेगूसराय से खोदावंदपुर में मनरेगा पीओ एवं अन्य कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का मांग किया है। ताकि कार्यालय का संचालन व योजनाओ का क्रियान्वयन और कामगारों के समस्याओ का समाधान सही समय पर हो सके।

बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट