माँ भगवती की प्राण प्रतिष्ठा सह शतचण्डी महायज्ञ के अंतिम दिन नगर भ्रमण में श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब

 

भीड़ मां भगवतीस्थान प्रांगण से निकलकर गुप्ता लखमिनियां बांध के रास्ते मधुरापुर, तेघड़ा गौशाला, तेघड़ा बाजार के रास्ते हसनपुर गाँव पहुंची जहां ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया।

डीएनबी भारत डेस्क

तेघड़ा अनुमंडल अंतर्गत बजलपुरा भगवतीस्थान प्रांगण में माँ भगवती की प्राण प्रतिष्ठा सह शतचण्डी महायज्ञ के अंतिम दिन सोमवार की सुबह देवी देवताओं की नवीन मूर्तियों को लेकर नगर भ्रमण किया गया। नगर भ्रमण में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुये। इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ मां भगवतीस्थान प्रांगण से निकलकर गुप्ता लखमिनियां बांध के रास्ते मधुरापुर, तेघड़ा गौशाला, तेघड़ा बाजार के रास्ते हसनपुर गाँव पहुंची जहां ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया।

पुनः हसनपुर गांव से अयोध्या,पैगम्बरपुर होते हुये बजलपुरा में माँ भगवती स्थान प्रांगण पहुँचकर माँ भगवती के जयकारे के साथ यात्रा समाप्त की गई। नगर भ्रमण के दौरान आधारपुर ठाकुरबाड़ी के महंथ श्री गोपाल दास जी महाराज, मुकेश सिंह, कन्हैया कुमार, संतोष राय, भूषण सिंह, शिक्षक रंजीत कुंवर, अनोज सिंह, विकास सिंह, अविनाश कुमार, रौशन कुमार, गणपति झा, शालिनी देवी, कामिनी देवी, बसंत कुमार, सोनू कुमार आदि लोग उपस्थित थे।

इसके पूर्व रविवार की देर शाम कथावाचक विजयकृष्ण जी महाराज ने कृष्ण और राधा के बीच प्रेम पर चर्चा करते हुये कहा कि राधा और के बीच प्रेम समस्त जगत में एक मिशाल के तौर पर देखा जाता है। कृष्ण और गोपियों के बीच संबंधों का एक बहुत लोकप्रिय और सुन्दर कलात्मक चित्रण को रास लीला कहा जाता है। गजलकार धीरज कांत के द्वारा प्रस्तुत भजन से लोग आत्मविभोर हो गये।

बेगूसराय तेघरा संवाददाता शशिभूषण भारद्वाज