डीएनबी भारत डेस्क
संविधान के पचहत्तरवें अंगिकार दिवस के अवसर संसद के सेंट्रल हॉल में महामहिम राष्ट्रपति महोदया के करकमलों से मैथिली भाषा में संविधान के लोकार्पण किए जाने पर सम्पूर्ण मिथिलावासियों में खुशी की लहर हैं। जगह जगह से केन्द्र की सरकार तथा महामहिम महोदया को बधाई दिया जा रहा है।
इसी क्रम में मिथिला एवं मैथिली भाषा के संवर्द्धन के लिए प्रतिबद्ध संस्था मिथिला मंथन ने भी एक त्वरित बैठक आयोजित कर भारत सरकार एवं महामहिम को साधुवाद दिया है तथा संस्था के संस्थापक संरक्षक आचार्य संजय शास्त्री ने कहा कि आज तक उपेक्षित मैथिली भाषा को भारत सरकार ने सम्मानित कर हम सभी मिथिलावासियों को संजीवनी प्रदान की है।आशा है बिहार सरकार द्वारा अनुमोदित मैथिली भाषा को शास्त्रीय भाषा में शामिल कर हम सभी को पुनः खुशियों का सौगात देंगे।
बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट