लोकसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार की पार्टी का स्वत ही विलय होने जा रहा है, अब नीतीश की राजनीतिक पारी का अंतिम समय आ गया है:- प्रशांत किशोर

 

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय में जन स्वराज पदयात्रा के बीच प्रशांत किशोर लगातार बिहार सरकार एवं नीतीश कुमार पर हमलावर हैं और इसी कड़ी में एक बार फिर उन्होंने दावा करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार की पार्टी का स्वत ही विलय होने जा रहा है । अब नीतीश की राजनीतिक पारी का अंतिम समय आ गया है और स्वयं नीतीश भी इस बात को जानते हैं।

वही पत्रकारों के पूछे जाने पर की 22 जनवरी के बाद क्या कुछ बिहार में बड़ा होने वाला है पर उन्होंने सहमति जताते हुए कहा कि नीतीश कुमार इतनी बार पलटी मार चुके हैं कि अब इस व्यक्ति के संबंध में कुछ भी कह पाना मुनासिब नहीं होगा । जब स्वयं नीतीश कुमार को पता नहीं है कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं ऐसी स्थिति में जो भी कयास लगाए जा रहे हैं वह उचित है । वहीं उन्होंने बिहार सरकार के द्वारा गरीब परिवारों के बीच दो दो रुपए देने की बात को सरकार का लॉलीपॉप बताते हुए चुनावी स्टंट कहा है।

उन्होंने कहा है कि पिछले 32 वर्षों से मिला-जुला कर इन्हीं दो लोगों का शासन में हस्तक्षेप रहा है। अगर यह गरीब परिवार का कल्याण चाहते तो अब तक उन्हें सुधरा जा सकता था और सत्ता में भी उनकी भागीदारी हो सकती थी । लेकिन अभी तक ना तो किसी दलित समुदाय के लोगों का और ना ही अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को कोई मुख्य भागीदारी दी गई है, क्या इन्हें किसी ने मना कर रखा है की सत्ता में इन वर्गों के लोगों को उचित स्थान क्यों नहीं दिया गया।

वही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार का कुल बजट दो लाख पैंतीस हजार करोड़ के आसपास है और नीतीश कुमार एवं तेजस्वी यादव ने जिन मंत्रालय को अपने हाथों में रखा है पूरे बजट का लगभग 60% इन्हीं लोगों के हाथ में है । सीधे-सीधे उन्होंने कहा कि 2 लाख का लॉलीपॉप दिखाने से गरीब का कल्याण होने वाला नहीं है अगर बिहार को विकसित करना है तो बिहार में शिक्षा और अन्य संसाधन पर ध्यान देना होगा । गौरतलब है कि प्रशांत किशोर जन स्वराज यात्रा के दौरान अभी बेगूसराय में है और इस महीने के अंत तक बेगूसराय में ही वह लोगों से संवाद करेंगे।

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