डीएनबी भारत डेस्क
बेगुसराय जिले के बछवाड़ा प्रखंड में डीएपी खाद के लिए किसानों के बीच मारामारी हो रही है। खाद के लिए किसान को बिस्कोमान भवन में लंबी लाइन लगाने को मजबूर होना पर रहा है। इसके बावजूद पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिलने से किसानों में रोष है। किसानों का कहना है कि रबी फसल की खेती की शुरुआत के साथ ही खाद की भारी किल्लत हो गयी है। जिस कारण बिस्कोमान भवन में किसानो को घंटो लाइन में लगकर खाद लेने के लिए मजबूर होना पर रहा है। सुबह से शाम तक लाईन में खड़े होने के बाद भी शाम को खाली हाथ वापस लौटना पर रहा है।
बछवाड़ा प्रखंड में मांग के मुकाबले सिर्फ 25 फीसदी ही डीएपी खाद उपलब्ध है। किसानो ने कहा बाढ़ और बारिश के कारण प्रखंड के किसान पहले से ही परेशान है अब प्रारंपरिक तरीके से तिलहन, मक्का, आलू की खेती के लिए भूमि तैयार करने के साथ ही फसल लगाना है, लेकिन उर्वरक की कमी किसानो को सबसे अधिक परेशान कर रही है। उन्होने बताया कि कुछ महीना पहले तक डीएपी की कीमत 1200 रुपये प्रति बैग थी लेकिन अब जब रवि फसल लगाने का समय आया तो डीएपी कि कीमत 1350 रूपया प्रति बैग हो गयी। वही बिस्कोमान मैनेजर द्वारा 240 रूपये का नैनो खाद लेना अनिवार्य कर दिया गया है। जिस कारण किसानो को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है।
स्थानीय किसानो का कहना है कि बछवाड़ा प्रखंड के विभिन्न पंचायतो में कृषक केन्द्र है जहां डीएपी खाद तो उपलब्ध है लेकिन वैसे दुकानदार 1600 सौ रुपये से लेकर 1800 सौ रुपये में डीएपी खाद बेच रहे है। वही खुदरा विक्रेता के द्वारा भी डीएपी के साथ 240 रुपये के नैनो खाद लेना अनिवार्य कर दिया गया है। किसानो का कहना है कि खुदरा विक्रेता द्वारा एक तो मंहगे दरो पर डीजपी बेच रहे है और दुसरी बात है कि चिन्हित किसानो के बीच ही खाद बेच रहे है। जिससे खाद की कीमत का भंडाफोर ना हो।