डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिले के सिमरिया धाम गंगा तट पर अर्द्ध कुंभ सह कल्पवास मेला के शुभ अवसर पर त्रिदिवसीय संगोष्ठी के दूसरे दिन के गोष्ठी में उद्घाटन भाषण देते हुए मां राज राजेश्वरी पीठ प्रयागराज के पीठाधीश्वर स्वामी माधवानंद जी ने कहा कि कुंभ परम्परा तो देवताओं के द्वारा पूर्व से होता आया हैं। आदि कुंभ स्थली सिमरिया धाम में कुंभ के साथ देश के अन्य भागों में भी आठों कुंभ को पुनर्जीवित और पुनर्स्थापित किया।
उसी क्रम में इस वर्ष सिमरिया धाम में तीसरे बार कुंभ का भव्य आयोजन किया जा रहा है। जो अहोभाग्य हमें प्राप्त हुआ है उसे सजाने में संवारने में हम सभी मिथिलावासी जी जान से जुट जाएं।कुंभ के माध्यम से हम अपने विकारों से मुक्त हो जाएं। क्योंकि कुंभ के माध्यम से जो ज्ञान रुपी अमृत प्राप्त होता हैं,वो अमूल्य है। समारोह में विशिष्ट अतिथि पंडित शुभम तिवारी , प्रो. हरकृष्ण चौधरी प्रियदर्शी, डॉ जनार्दन चौधरी ने कहा कि यह अब सिद्ध हो चुका है कि यहां कभी समुद्र था,और मंथन भी हुआ था, तभी तो अमृत की कुछ बूंदें छलक पड़े होंगे, जहां आज हम कुंभ गर्व से मना रहे हैं।
सम्मानित अतिथि डॉ राम सिंह किंकर ने कहा कि पुस्तक” द्वादश कुंभ एवं स्वामी चिदात्मन जी”के लेखक विजय बाबू पर स्वामी जी की विशेष कृपा हैं।जब भी स्वामी जी का नाम लिया जाएगा,तो विजय बाबू का भी नाम लिया जाएगा। सम्मानित अतिथि डॉ महेश राय ने कहा कि हमारा शास्त्र विश्व में सर्वथा अलग और उत्कृष्ट हैं, जिसके कारण हम सभी जगह प्रतिष्ठित होते आए हैं। आज संगोष्ठी के दूसरे दिन मुख्य अतिथि प्रयाग पीठाधीश्वर स्वामी माधवानंद जी, सम्मानित अतिथि डॉ महेश राय, स्वामी नारायणानंद जी, सर्वमंगला के अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी, सर्वमंगला पीठाधीश्वर स्वामी शुलभानंद जी, अनुसंधान संस्थान के सचिव सुधीर चौधरी,सह सचिव प्रो पी के झा प्रेम ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का विधिवत उद्घाटन किया।
तत्पश्चात सभी आगत अतिथियों को संस्थान के सुरेंद्र चौधरी, स्वामी शुलभानंद जी तथा सह सचिव प्रो प्रेम जी अंग वस्त्र,पाग तथा पुष्पहार एवं संस्थान का साहित्य भेंट कर सम्मानित किया। समारोह का संचालन सुधीर चौधरी ने तथा धन्यवाद् ज्ञापन निदेशक डॉ विजय कुमार झा ने किया।इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं के अतिरिक्त स्वयं स्वामी चिदात्मन जी महाराज तथा सर्वमंगला अध्यात्म योगपीठ सिमरिया धाम के मुख्य व्यवस्थापक ब्रह्मचारी रविन्द्र कुमार अपना सानिध्य प्रदान किया।
साथ ही सनातन श्याम जी,राम भारद्वाज, लक्ष्मण जी,विनय कुमार झा, राधे श्याम जी,पंडित दिनेश पाठक,पंडित पद्मनाभ,शिवू जी, मोनू जी,महेश जी, पप्पु त्यागी जी आदि उपस्थित थे। वहीं संगोष्ठी के दूसरे सत्र में संस्थान द्वारा प्रकाशित त्रिमासिक पत्रिका अम्बरमणि का विमोचन सभी सम्मानित अतिथियों के द्वारा किया गया तथा श्रोताओं के बीच वितरित किए गए। तथा संगोष्ठी समारोह में जूना अखाड़ा के भोलापुरी जी आकर्षण के केन्द्र में थे,जो साक्षात् भगवान शिव का भव्य रुप प्रस्तुत किया।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट