डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय में एक बार फिर प्यार की जीत हुई है और दहेज प्रथा पर मोहब्बत का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। कहा जा सकता है कि जब करिश्मा और संजीत के प्यार ने परवान पकड़ा तो 2 जिलों की सीमाएं भी छोटी पड़ गई। दरअसल पूरा मामला खगड़िया और बेगूसराय से जुड़ा हुआ है। जहां पर बेगूसराय की लड़की करिश्मा और खगड़िया के बेला सिमरी के रहने वले संजीत कुमार कि जब आंखें चार हुई और लड़की के पिता के द्वारा दहेज की मांग की जाने लगी तब लड़की के परिवार वालों ने शादी से इंकार कर दिया। लेकिन इसी बीच प्रेमी जोड़े ने बड़ा कदम उठाते हुए एक तरफ जहां मंदिर में शादी की रस्में पूरी की तो कोर्ट में भी शादी करने के बाद इन्हें कानूनन पति-पत्नी का भी दर्जा मिल गया और आज संजीत और करिश्मा ने साथ जीने मरने की कसम के साथ एक नया जीवन शुरू किया है ।
दरअसल खगरिया जिले के बेला सिमरी के रहने वाले संजीत कुमार एवं बेगूसराय जिले के मटिहानी प्रखंड के हांसपुर की रहने वाली करिश्मा मोबाइल के माध्यम से एक-दूसरे के नजदीक आते गए और धीरे-धीरे दोनों के प्यार ने परवान पकड़ना शुरू कर दिया। लेकिन इसी बीच जब करिश्मा के पिता इंद्रदेव पासवान संजीत के पिता प्रकाश पासवान के यहां रिश्ते की बात लेकर पहुंचे तो संजीत के पिता ने एक लाख नगद एवं एक बाइक की मांग कर दी। इसके बाद करिश्मा के पिता इंद्रदेव पासवान ने रिश्ते से इंकार कर दिया।
इसी बीच संजीत अपने प्यार को पाने के लिए बेगूसराय पहुंच गया जहां उसने करिश्मा के परिजनों से बात की तत्पश्चात बेगूसराय के काली स्थान में विधिवत प्रेमी जोड़े का पाणिग्रहण करवाया गया बाद में दोनों ने कोर्ट में अर्जी देकर शादी की। यूं तो सरकार के द्वारा दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए जागरूकता के कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं लेकिन आज भी कहीं ना कहीं समाज में दहेज रूपी दानव का बोलबाला है। लेकिन करिश्मा और संजीत ने एक दूसरे का दामन थाम कर यह सिद्ध कर दिया है कि दहेज रूपी कुरीति पर मोहब्बत है अभी भी भारी है।