बेगूसराय जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग ओबीसी मोर्चा के बैनर तले सैकड़ो लोगो ने प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

बीजेपी सरकार के द्वारा जानवरों की गिनती कराना मगर ओबीसी की गिनती ना करना ओबीसी का सबसे बड़ा अपमान है।

डीएनबी भारत डेस्क 

बेगूसराय में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग ओबीसी मोर्चा के बैनर तले अपने विभिन्न मांगों को लेकर सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने डीएम ऑफिस के दक्षिणी गेट पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरना पर बैठे आंदोलनकारियों ने बताया है कि ईवीएम घोटाला,निजी क्षेत्रों में एससी एसटी ओबीसी को आरक्षण लागू करने, एमएसपी की गारंटी कानून बनाकर किसानों को अनुदान की मांग सहित विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग ओबीसी मोर्चा के द्वारा धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया।

इस दौरान संगठन से जुड़े लोगों ने बताया कि बीजेपी सरकार के द्वारा जानवरों की गिनती कराना मगर ओबीसी की गिनती ना करना ओबीसी का सबसे बड़ा अपमान है। इस अपमान के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन के किया जाएगा. कार्यकर्ताओं ने बताया कि राहुल गांधी के द्वारा नीरव मोदी ललित मोदी और मेहुल चौकसी जैसे देश को पैसा लूट कर बिदेश भागने का आरोप भाजपा और नरेंद्र मोदी की सरकार पर लगाया गया था जिसके कान राहुल गांधी को 2 साल की सजा हुई और उनकी संसद की संभावना भी समाप्त कर दी गई उन्होंने कहा कि अब भारतीय जनता पार्टी खुद को बचाने के लिए राहुल गांधी के बयान को ओबीसी का अपमान बता रहे हैं.

जबकि पैसा लूट कर भागने वालों में कोई भी ओबीसी के लोग नहीं है देश में आर एस एस भाजपा की सरकार है जिसमें जानवरों की गिनती हो रही है मगर पॉलिसी की गिनती नहीं हो रही है जबकि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी ओबीसी है इसके बावजूद भी भाजपा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया गया कि वह ओबीसी की गिनती नहीं करेंगे.

संगठन से जुड़े लोगों ने बताया कि आरएसएस एवं भाजपा द्वारा ओबीसी की गिनती का विरोध करना ही ओबीसी समाज का सबसे बड़ा अपमान है इसके साथ ही भाजपा द्वारा खुद को बचाने के लिए देश को लूट कर भागने वालों के साथ में ओबीसी समाज को जोड़कर पूरे समाज का अपमान किया जा रहा है इसलिए हम मांग करते हैं कि जाति आधारित जनगणना और ओबीसी की जनगणना करा कर ओबीसी के हो रहे अपमान को रोका जाए.

बेगूसराय संवादाता सुमित कुमार बबलू की रिपोर्ट