बछवाड़ा प्रखंड का प्रसिद्ध झमटिया धाम गंगा घाट पर अवैध वसूली से श्रद्धालु हो रहे है परेशान, पदाधिकारियों नहीं ले रहे है संज्ञान

 

बाहरी लोग अवैध वसूली करते हैं उस पर हम कोई कार्यवाही नहीं कर सकते हैं ये हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर है – दीपक कुमार, अंचलाधिकारी बछवाड़ा

डीएनबी भारत डेस्क

मिथिलांचल इलाके के प्रसिद्ध झमटिया गंगा घाट पर अवैध वसूली को लेकर ग्रामीणों के शिकायत के बावजूद पदाधिकारी गहरी निद्रा में सोए हुए हैं. प्रतिदिन दुर दराज से गंगा स्नान करने के लिए झमटिया गंगा घाट आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन चालक के साथ अंचलाधिकारी व राजस्व कर्मी द्वारा न्युक्ति किए गये स्थानीय लोगों द्वारा मारपीट करना तो आम बात है.

झमटिया धाम गंगा घाट पर सरकार के द्वारा बन्दोवस्ती के दौरान प्रतिवर्ष साठ से पैंसठ लाख रूपया सरकार को राजस्व प्राप्त होता था, लेकिन कोरोना काल के दौरान सरकार के द्वारा सभी धार्मिक स्थलों पर रोक लगाया गया था. कोरोना काल समाप्त होते ही झमटिया धाम गंगा घाट पर राजस्व वसूली का काम अंचलाधिकारी को दिया गया, विगत तीन वर्ष से अंचलाधिकारी के नेतृत्व में राजस्व कर्मी व स्थानीय लोगों द्वारा एनएच 28 पर मोहनिया ढ़ाला से लेकर मुरलीटोल टोल प्लाजा तक करीब दो से ढाई किलोमीटर तक एनएच के किनारे लगाने वाले सभी वाहनों से जबरन वसूली की जाती है.

हद तो तब हो जाती है जब ओटो चालक के द्वारा एक सौ रुपये के बदले रसीद मांगा जाता है तो वसूली करने वाले लोगों के द्वारा हाथ पर ही अपना नाम लिख दिया जाता है, जब इसका विरोध करता है तो उसके साथ मारपीट की जाती है,जब चालक के द्वारा स्थानीय प्रशासन से शिकायत की जाती है तो प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति कर मामला वही दवा दिया जाता है. झमटिया गंगा घाट स्थित शिव गंगा समिति के अध्यक्ष लाल बहादुर यादव ने बताया कि झमटिया गंगा घाट पर होने वाले अवैध वसूली को लेकर बिहार सरकार के पुर्व राजस्व मंत्री राम सूरत राय से की गई,

उनके पहल पर राजस्व विभाग के द्वारा झमटिया धाम गंगा तट स्थित एनएच 28 पर लगने वाले वाहन समेत दाह संस्कार में आने वाले लोगों से किसी प्रकार की कोई वसूली नहीं करने का निर्देश दिया गया था. सरकारी आदेश के बावजूद भी एनएच 28 पर अंचलाधिकारी व राजस्वकर्मी के नेतृत्व में खुलेआम अवैध वसूली की जा रही है.अंचलाधिकारी कहते हैं कि बाहरी लोग वसूली करता है जबकि अवैध वसूली करने वाले सभी लोगो के हाथों में नाजरात से मुहैया कराया गया रसीद रहता है, पहले जब झमटिया गंगा घाट का बन्दोवस्ती की जाती थी तो साठ से पैंसठ लाख राजस्व सरकार के खाते में जमा होता था,

वर्तमान में झमटिया गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक होती है वाहन भी पहले की अपेक्षा दुगुनी आ रही है फिर भी सरकार के खाते में बारह से तेरह लाख रुपये ही जमा हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक रसीद पर चार से पांच लोगों का मुंडन संस्कार किया जाता है, जब  अवैध वसूली की शिकायत अंचलाधिकारी से करने की बात कही जाती है तो अवैध वसूली करने वाले लोगों द्वारा स्पष्ट कहा जाता है कि पदाधिकारी के इशारे पर वसूली की जा रही है तुम लोगों को जहां जाना हो जा सकते हो.

अंचलाधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि झमटिया धाम गंगा तट पर हो रहे अवैध वसूली में कोई भी सरकारी कर्मी अथवा स्थानीय लोग शामिल नहीं है. बाहरी लोग यहां आकर अवैध वसूली का काम करते हैं. बाहरी लोग अवैध वसूली करते हैं उस पर हम कोई कार्यवाही नहीं कर सकते हैं ये हमारे अधिकार क्षेत्र से बाहर है,यह कहकर अपना पल्ला झाड़कर कोई भी कार्रवाई करने से इंकार कर लेते हैं.

डीएनबी भारत डेस्क