जन सुराज पदयात्रा के दूसरे दिन पश्चिम चंपारण के गौनाहा प्रखंड में 10 किमी पैदल चलें प्रशांत किशोर, गांव-गांव में रुक कर लोगों से किया सीधा संवाद
डीएनबी भारत डेस्क
2 अक्तूबर 2022 से शुरू प्रशांत किशोर की 3500+ किमी लंबी जन सुराज पदयात्रा का आज दूसरा दिन था। गौनाहा प्रखंड में रात्रि विश्राम के बाद 3 अक्तूबर की सुबह प्रशांत किशोर ने सबसे पहले प्रखंड के स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ जन सुराज शिविर में जन सुराज की सोच पर संवाद किया। इसके बाद उन्होंने गौनाहा स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। प्रखंड मुख्यालय से सैकड़ों लोगों के साथ पदयात्रा करते हुए प्रशांत किशोर ने दोमठ स्थित दुर्गा मंदिर में थारू समुदाय द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया और कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। इसके बाद जन सुराज पदयात्रा का हुजूम डुमरिया पंचायत से गुजरते हुए पसंदा, धमौरा, जमुनिया पहुंचा। इस दौरान युवाओं के साथ साथ महिलाओं और बुजुर्गों का भी उत्साह देखने लायक था। प्रशांत किशोर ने पदयात्रा के क्रम में अपना ज्यादातर समय लोगों से मिलने-जुलने व उनकी समस्याओं को समझने में लगाया।
कृषि में अगर पंजाब के बराबर आय कर दें तो बिहार का आधा कष्ट खत्म हो जाएगा – प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने जन सुराज पदयात्रा के दौरान किसानों से बात करते हुए कहा कि बिहार में कृषि मुताबिक प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं। यहां के किसान मेहनती हैं और बिहार में पानी की कोई कमी नहीं है। यहाँ पानी ज्यादा है, लोग मेहनतकश है, जमीन की उपजाऊ क्षमता बाक़ी राज्यों से बेहतर है, ना यहां पंजाब व हरियाणा जैसे राज्यों के बीच नहरों का विवाद है इसके बावजूद यहाँ किसानो की हालत देश में सबसे ख़राब है। बिहार में किसानों को ना समय से खाद मिल पाती है ना उनकी फसलों का भुगतान। किसानों को बीज के लिए भटकना पड़ता है, यदि बिहार के किसानो की आय पंजाब के किसानों के बराबर कर दिया जाए तो बिहार का आधा कष्ट ख़त्म हो जाएगा।
प्रशांत किशोर ने जन सुराज 5 मई को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बताया था कि 2 अक्तूबर से वो पूरे बिहार की पदयात्रा पर निकलेंगे। 2 अक्तूबर के दिन उन्होंने बिहार के पश्चिम चंपारण जिले स्थित भितिहरवा गांधी आश्रम से इस पदयात्रा की शुरुआत की। आज 3 अक्तूबर को पदयात्रा के दूसरे दिन प्रशांत किशोर ने 10 किमी का सफर पैदल तय किया। यात्रा की शुरुआत गौनाहा प्रखंड से पैदल चलते हुए प्रशांत किशोर और उनके साथ सैकड़ों पदयात्री रात्रि विश्राम के लिए जमुनिया पहुंचे।