जन सुराज पदयात्रा के 64वें दिन बनकटवा से घोड़ासहान होते हुए चिरैया पहुंचेंगे प्रशांत किशोर, कहा – नीतीश के 7 निश्चय में से एक भी लागू हो जाता तो बिहार की तस्वीर अलग होती
डीएनबी भारत डेस्क
जन सुराज पदयात्रा के 64वें दिन प्रशांत किशोर पूर्वी चंपारण के बनकटवा प्रखंड के पकही गांव में मीडिया से बात की। प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा आज निमाईया पकही से चलकर खरझाकिया, घोड़ासहान के चम्पापुर कोइरिया गांव से चलकर, गिधौना, शेखौना, नगरवा बगहा, बखहा, माधोपुर, शिखौना, महुआवा, बसवरिया, हीरा पट्टी, भेड़ियाही, बेलही होते हुए चिरैया कोठी स्थित महादेव उच्तर माध्यमिक विद्यालय में रात्रि विश्राम के लिए पहुंचेगी। प्रशांत किशोर ने पदयात्रा शुरू होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के माध्यम से बताया कि अबतक पदयात्रा के माध्यम से वे लगभग 700 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। इसमें 500 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और पूर्वी चंपारण में अबतक 150 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। इस दौरान जमीन पर हुए अनुभवों और समस्यायों पर बात करते हुए उन्होंने शिक्षा, कृषि, स्वास्थ जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी।
बिहार में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए आइंस्टाइन बनने की जरूरत नहीं है, जरूरत है भ्रष्टाचारियों को सत्ता से दूर रखने की
बिहार में भ्रष्टाचार की समस्या पर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए आइंस्टाइन बनने की जरूरत नहीं है। जरूरत है राजनीति में सही लोगों को चुन कर लाने की। दूसरी बात विकेन्द्रीकरण मतलब – सत्ता और शासन का विकेन्द्रीकरण जितना ज्यादा होगा उतना ही भ्रष्टाचार में कमी आएगी। तीसरा जन भागीदारी लोगों को जानकारी नहीं है कि उनका अधिकार क्या है। आधार कार्ड फ्री में बनना चाहिए, पर जानकारी ना होने की वजह से दो हजार से अधिक देना पड़ता है। चौथा टेक्नोलॉजी का प्रयोग ताकि सारी योजनाओं का सरकार और लोग रियल टाइम एसेसमेंट कर सके।
नीतीश के सात निश्चय में अगर एक भी लागू हो जाते तो आज बिहार का एक अलग ही नक्शा देखने को मिलता
प्रशांत किशोर ने 2015 में नीतीश कुमार द्वारा लाए गए सात निश्चय पर बात करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने सात निश्चय को आधा-अधूरा भी पूरा कर दिया होता तो बिहार की स्थिति आज अलग होती। इस निश्चय में वादा किया गया था कि बिहार के 18 साल से 35 साल के हर बेरोजगार को जब तक रोजगार नहीं मिलेगा तब तक उनको हर महीने हजार रुपये दिए जाएंगे, पर आज तक किसी को एक रुपया भी नहीं दिया गया। इतना ही नहीं स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड देने की भी योजना बनाई गई थी पर आज वो काग़जों तक ही सीमित रह गया।
आने वाले 10-15 सालों में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल कराना है
जन सुराज की सोच के बारे में बताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, हमारा प्रयास है कि देश के 10 अग्रणी राज्यों में बिहार शामिल हो। विकास के ज्यादातर मानकों पर अभी बिहार 27वें या 28वें स्थान पर है। 50 के दशक में बिहार की गिनती देश के अग्रणी राज्यों में होती थी। पदयात्रा के माध्यम से बिहार के हर पंचायत, गांव और नगर क्षेत्र के स्तर पर समस्याओं और समाधान का एक ब्लूप्रिंट बनाया जा रहा है। पदयात्रा खत्म होने के 3 महीने के भीतर हम इस ब्लूप्रिंट को जारी करेंगे। साढ़े 8 हजार ग्राम पंचायत और 2 हजार नगर पंचायत की विकास योजनाओं का खाका हम तैयार कर रहे हैं। हर पंचायत की समस्याओं को हम संकलित कर रहे हैं, हमारा उद्देश्य है कि आने वाले 10 से 15 सालों में बिहार विकास के तमाम मापदंडों पर देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो।”