बेगूसराय जिला में 595 एकड़ भूमि में किया गया है जलवायु अनुकूल खेती

 

ड्रम सीडर से धान का किया गया है सीधी बोआई ,किसानों को मिलेगा व्यापक लाभ

 

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय के खोदावंदपुर में वर्तमान वर्षा में जब सुखार सा परिदृश्य दिख रहा था। जिले में औषत 40 से 60 प्रतिशत तक वर्षा कम हुई थी । तब उसका प्रभाव परम्परागत फसलो पर पड़ना लाजिमी था। उस समय सूखे की उतपन्न स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग और बिहार सरकार ने  प्रदेश में जलवायु अनुकूल खेती करुने का निर्णय लिया था । इस कार्यक्रम के तहद  कृषि विज्ञान केंद्र बेगूसराय द्वारा जिलों में 595 एकड़  जलवायु अनुकूल खेती कराया गया था । इनमे धान मक्का अरहर की खेती कराया गया था । इनमें धान मक्का और अरहर का खेती शामिल है ।

धान की खेती में ड्रम सीडर से धान की सीधी बोआई का प्रयोग किया गया है । सीधी बोआई से धान की खेती करने पर कम समय और कम पानी मे औषत उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है । इसके अलावे जिले में मक्का और अरहर की फसलो का खेती किया गया है । मक्का की खेती में खेत के मेड को ऊंचा कर मक्का का बुआई किया गया था । धान की सीधी बुआई भी किया गया था । जिससे कम समय और कम पानी और कम लागत में  अधिक उत्पादन कर लाभकारी मूल्य प्राप्त कर सकते हैं । हथिया नक्षत्र के वर्षा ने धान कि सीधी बुआई करने वाले किसानों को सकून प्रदान किया है ।

ड्रम सीडर से जिस धान का बुआई किया गया था वो करीब याब पककर तैयार है जिसका लाभ किसानों को मिलना तय है । केवीके के वैज्ञानिक डॉ राम पाल ने बताया कि इस बार जलवायु अनुकूल खेती एक सुखद प्रयास था । ड्रम सीडर से धान की सीधी बुआई भी किसानों ने अपनी खेतो में किया है । और उसका लाभ किसानों के नजरो के सामने है । इस विधि से किया गया खेती कम समय और कम लागत में बेहतर उत्पादन देने वाला साबित होगा । खोदावंदपुर केंद्र परिक्षेत्र के साथ साथ जिले के विभिन्न प्रखंडों में किसानों ने अपने खेतों में भी केंद्र के वैज्ञानिको के देखरेख में जलवायु अनुकूल खेती के तकनीक का प्रयोग किया है । किसानों को इसका लाभ मिलना सुनिश्चित है । उम्मीद है अगले वर्ष से जिले के किसान व्यापक रुप से इस तकनीक को हाथों हाथ लेंगे ।

बेगूसराय खोदावंदपुर संवाददाता नितेश कुमार की रिपोर्ट