कोई सत्कर्म और दुष्कर्म करता है अपने लिए ,इस संसार में सबको अपने कर्म का फलाफल भोगना ही पड़ता है – स्वामी चिदात्मन जी महाराज
डीएनबी भारत डेस्क
सर्वमंगला परिवार द्वारा सिद्धाश्रम काली धाम सिमरिया धाम में आयोजित मासिक कार्यक्रम में रविवार के दिन प्रसंग में सर्वमंगला के अधिष्ठाता, प्रातः स्मरणीय पूज्य गुरुदेव स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने अपने अमृत वाणी से श्रीमद् भागवत कथा पुराण में बतलाया कि जो इस संसार में वेद का अनुसरण करेगा उस प्राणी को कभी भी किसी प्रकार की कमी महसूस नहीं होगी। इस संसार की हर एक प्राणी को वेद का अनुसरण करना चाहिए। वेद ही हमें ज्ञान का पाठ पढ़ाती है ।जिससे हम पहचानते हैं यह मेरी मां है ,यह मेरी बहन है ,यह मेरा भाई है।तथा कर्तव्य बोध का ज्ञान हमें वेद ही सीख लाती है।
भगवान को जो भाव से पुजते हैं उसे सब प्रकार की सुख ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है । जिस देश और राज्य का राजा पुण्य आत्मा होता है,भगवान उस देश उस राज्य के प्रजा को भी सब प्रकार से सुखी बनाए रखते हैं। वेदों में मां का स्थान सबसे ऊपर रखा गया है तीनों लोक में मां के बराबर कोई नहीं है। आप देखेंगे अगर किसी मां का पुत्र कुपुत्र भी होता है तब भी मां का हृदय अहित नहीं सोचता है। इस संसार में मां से बड़ा कोई नहीं है। जो प्राणी ब्रह्म मुहूर्त में अपने बिस्तर का त्याग कर करते हैं ,जो विद्वान ब्रह्म मुहूर्त में अपने बिस्तर का त्याग करते हैं उनका स्थान इस मृत्यु लोक पर संत के समान है। आप देखेंगे कभी भी विद्वत जन अपने बिस्तर पर नहीं रहते और दुर्जन का स्वभाव होता है जब उसका मन करेगा तब वह जागेगा जब उसका मन करेगा तभी वह सोएगा ।
बेगूसराय बीहट संवाददाता धरमवीर कुमार की रिपोर्ट