तेघड़ा प्रखण्ड में सात निश्चय योजना का करोड़ों रूपया गबन मामले में दोषी जनप्रतिनिधि पर कार्यवाई के निर्देश के बावजूद नहीं ..

सात निश्चय योजना अंतर्गत जल नल योजना में पाई गई अनियमितता पर डीएम बेगूसराय ने दिए थे कार्यवाई के निर्देश, उक्त मामले में प्राथमिकि दर्ज वारंटी की गिरफ्तारी करने में स्थानीय पुलिस विफल।

सात निश्चय योजना अंतर्गत जल नल योजना में पाई गई अनियमितता पर डीएम बेगूसराय ने दिए थे कार्यवाई के निर्देश, उक्त मामले में प्राथमिकि दर्ज वारंटी की गिरफ्तारी करने में स्थानीय पुलिस विफल।

डीएनबी भारत डेस्क 

बेगूसराय जिला के तेघड़ा प्रखंड में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना का ग्राम पंचायतों एवं नगर परिषद क्षेत्रों में इस योजना के नाम पर छिटपुट कार्य कर लगभग 5 करोड़ रूपया का निकासी कर सरकार के जनकल्याणकारी योजना को विफल करने और सरकारी राजस्व को चुना लगाने का काम किया गया है।

बताते चलें कि पंचायती राज व्यवस्था के विगत कार्यकाल में सात निश्चय योजना के तहत पंचायत के वार्डों में विकास योजनाओं को मूर्त्त रूप देने के लिये सरकार द्वारा अच्छी खासी राशि आवंटित की गई थी किन्तु सरकारी उदासीनता के कारण लाखों लाख की सरकारी राशि का लूट खसोट एवं बंदरबांट कर लिया गया। जानकारी के अनुसार विभिन्न पंचायतों एवं नगर परिषद क्षेत्रों में योजना के नाम पर करोड़ों की राशि की निकासी कर ली गई किन्तु योजना धरातल पर नहीं उतरी और राशि का गबन कर लिया गया।

हलांकि ऐसे ही एक मामले में पूर्व के शोकहारा 2 पंचायत के वार्ड 2 वार्ड सदस्य राज कुमार राम उर्फ राज आर्यन पर सरकार की सबसे महत्वपूर्ण सात निश्चय योजना अंतर्गत जल नल योजना में अनियमितता पाये जाने पर डीएम बेगूसराय के निर्देश पर बीडीओ तेघड़ा के द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोपी की गिरफ्तारी एवं योजना मद में निकासी की गई राशि की रिकवरी सरकारी राजस्व में करने का निर्देश दिया गया था।

लेकिन उक्त मामले के लगभग सालभर बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी संबंधित फुलवड़िया थाना पुलिस द्वारा नहीं की गई है। जानकारी के मुताबिक उल्टे सरकारी स्तर पर दर्ज प्राथमिकी अभियुक्त को फुलवड़िया थानाध्यक्ष नवीन कुमार के द्वारा दीपावली में पटाखा बेचने का लाइसेंस भी निर्गत किया गया था। हलांकि जानकारों का यह भी कहना है कि थाना में लगे सीसी कैमरे फुटेज की अगर जांच डीएम एवं एसपी बेगूसराय के निर्देश पर शुरू कर दी जाए तो जिला में अपराध नियंत्रण और कई मामलों का निस्पक्ष जांच थाना स्तर पर ही हो जाएगा।

अब स्थिति ऐसे मामले में यह है कि डीएम के कार्यवाई के निर्देश का भी अंदेखी किया जा रहा है। तो फिर सरकारी महकमें के लिये आरोपी की गिरफ्तारी और डूबी हुई राशि की रिकवरी कर पाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है। और अब प्रखंड स्तर पर भी इस मामले में पदाधिकारी सख्ती दिखाना नहीं चाहते।

इस संबंध में पूछने पर तेघड़ा बीडीओ संदीप कुमार पाण्डेय ने बताया कि योजना के नाम पर राशि गबन करने वाले संबंधित लोगों को राशि की रिकवरी के लिये कई नोटिस भेजा गया है। पक्ष जानने के लिये संबंधित पदाधिकारी बीपीआरओ से सम्पर्क स्थापित नहीं हो सका है। उधर स्थानीय जनता इस मामले को लेकर आन्दोलन के मूड में दिख रही है। लोगों का कहना है कि यह आम जनता के पैसों की लूट है और यदि स्थानीय पदाधिकारी सरकारी राशि की रिकवरी करने में नाकाम रहते हैं तो इस मुद्दे को लेकर लोग सड़कों पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

बेगूसराय तेघड़ा संवाददाता शशिभूषण भारद्वाज 

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