बेगूसराय में आरोपी जिला परिषद सदस्य की गिरफ्तारी के बजाय आवेदनकर्ता के घर छापेमारी करने पहुंची पुलिस को आक्रोशित ग्रामीणों ने बनाया बंधक

रूपनगर में आक्रोशित ग्रामीणों ने पक्षपातपूर्ण कार्यवाई को पहुंचे पुलिस बल एवं पदाधिकारी को बनाया बंधक, ग्रामीणों का आरोप नामजद जिला परिषद सदस्य अभियुक्त की गिरफ्तारी के बजाया आवेदनकर्ता को परेशान कर रही है चकिया थाना की पुलिस पांच बार से अधिक समय कर चुकी है छापेमारी कुछ नहीं मिला।

बेगूसराय जिला के बरौनी प्रखण्ड अंतर्गत रूपनगर में आक्रोशित ग्रामीणों ने पक्षपातपूर्ण कार्यवाई को पहुंचे पुलिस बल एवं पदाधिकारी को बनाया बंधक, ग्रामीणों का आरोप नामजद जिला परिषद सदस्य अभियुक्त की गिरफ्तारी के बजाया आवेदनकर्ता को परेशान कर रही है चकिया थाना की पुलिस पांच बार से अधिक समय कर चुकी है छापेमारी कुछ नहीं मिला।

डीएनबी भारत डेस्क

बेगूसराय जिला के बरौनी प्रखण्ड अंतर्गत चकिया थाना क्षेत्र के रूपनगर पंचायत में शुक्रवार की देर रात उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब शराब की सूचना पर छापेमारी करने गई पुलिस को ग्रामीणों द्वारा बंधक बनाए जाने का मामला प्रकाश में आया। वहीं इस घटना में ग्रामीणों द्वारा पक्षपातपूर्ण कार्यवाई का स्थानीय पुलिस पर आरोप लगाकर घंटों हंगामा किये जाने का विडियो भी खूब वायरल हो रहा है।

उपस्थित लोग व ग्रामीण का आरोप है कि चकिया थाना क्षेत्र के रूपनगर निवासी संजीव सिंह उर्फ खुरखुर सिंह के घर पर चकिया पुलिस के द्वारा लगातार 5 बार छापेमारी की गई । लेकिन पुलिस को कभी भी कोई आपत्तिजनक सामान नहीं मिला है। जबकि संजीव सिंह के घर के समीप अपराधियों के द्वारा हाल के दिनों में गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया गया था। जिसकी शिकायत पीड़ित संजीव सिंह ने चकिया थाना में की थी और स्थानीय पुलिस ने इस मामले में क्षेत्र संख्या 20 जिला परिषद सदस्य सहित आठ लोगों पर प्राथमिकी भी दर्ज किया था। साथ ही घटना स्थल पर पहुंचकर पुलिस ने 08 खोखा भी बरामद किया था।

इस मामले को लेकर ग्रामीणों का आरोप है कि नामजद प्राथमिकी अभियुक्त खुलेआम घूम रहा है और उल्टे आवेदनकर्ता संजीव सिंह को टारगेट करके सहायक थाना चकिया पुलिस के द्वारा छापेमारी कर दबाब बनाया जा रहा है जो वरीय पुलिस पदाधिकारी के लिए जांच का विषय है। शुक्रवार की देर रात भी चकिया पुलिस छापेमारी करने पहुंची थी जबकि छापेमारी दल में एक भी महिला पुलिस नहीं होने के बावजूद आवेदनकर्ता के घर में घुसकर कार्यवाई के नाम पर सोए अवस्था में महिलाओं को भी तंग किया गया। इसी बात से आक्रोशित होकर ग्रामीण जमा हो गए और पुलिस को बंधक बना लिया।

बाद में ग्रामीणों की मांग पर चकिया थानाध्यक्ष दिवाकर कुमार सिंह अन्य थाना के पुलिस पदाधिकारी, समाजसेवी एवं जनप्रतिनिधि व विभिन्न दलों के नेता, कार्यकर्ता व ग्रामीणों की उपस्थिति में आक्रोशित महिला एवं पुरुष ग्रामीणों को शांत कराया गया। साथ ही उपस्थित लोगों की मौजूदगी में सअनि भोला राम सहायक थाना चकिया के द्वारा लिखित रूप में कार्यवाई स्थल से किसी प्रकार का आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिलने से संबंधित तलशी सह जप्ती सूची दिया गया।

उपस्थित लोगों ने पुलिस पदाधिकारी को साफतौर पर कहा आरोपित को छोड़कर आवेदनकर्ता को परेशान करना या गिरफ्तार करने का दबाव बनाना बिल्कुल भी उचित नहीं है। ऐसी प्रेरित पक्षपातपूर्ण कार्यवाई से आमलोगों का प्रशासन पर से विश्वास खत्म होता है। स्थानीय पुलिस निस्पक्ष कार्यवाई करे। बताते चलें की उक्त घटना का सोसल मिडिया पर विडियो खूब वायरल हो रहा है। एवं ग्रामीण स्तर पर स्थानीय सहायक चकिया थाना पुलिस की इस गतिविधि को लेकर तरह तरह की चर्चाएं है।

नोट – डीएनबी भारत की टीम वायरल विडियो के सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। 

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