डीएम बेगूसराय ने कंबल वितरण का कार्य, अलाव की व्यवस्था के साथ स्थानीय नगर निकायों को स्थायी एवं अस्थायी रैनबसेरा के समुचित संचालन का भी दिया है निर्देश।
डीएनबी भारत डेस्क
बेगूसराय जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने बताया कि जिला में ठंड की व्यापकता एवं तीक्ष्णता के मद्देनजर जनसामान्य विशेष तौर पर गरीब, निस्सहाय एवं आवासहीन व्यक्तियों के बचाव हेतु जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। इस कड़ी में जिला अंतर्गत अंचलों, नगर निकायों द्वारा अपने- अपने क्षेत्रों में चिन्हित सार्वजनिक स्थलों विशेष तौर पर रेल, बस स्टेशन, चौक-चौराहों, रिक्शा, टमटम पड़ाव, अस्पताल परिसर, रैन बसेरा आदि स्थलों पर अलाव की व्यवस्था के साथ-साथ जरूरतमंद व्यक्तियों यथा गरीब, निस्सहाय, आवासहीन व्यक्तियों के बीच कंबल वितरण का कार्य कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त स्थानीय नगर निकायों को स्थायी एवं अस्थायी रैनबसेरा के समुचित संचालन का भी निर्देश दिया गया है।
उन्होंने बताया कि सभी संबंधित पदाधिकारियों को भारत मौसम विभाग के समन्वय से शीतलहरों की ससमय जानकारी प्राप्त करते हुए ‘सभी हितधारकों को समय से पूर्व चेतावनी देने, शीतलहर के प्रभाव से निपटने हेतु पर्याप्त स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि शीतलहर, पाला का कृषि एवं पशुधन पर नकारात्मक प्रभाव के मद्देनजर फसल क्षति एवं पशुधन की सुरक्षा से बचाव हेतु समुचित व्यवस्था करने एवं किसानों के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार करने का भी निर्देश दिया गया। इसके साथ ही निर्बाध विद्युत आपूर्ति एवं शीतलहर के दौरान कोहरे, धुंध के मद्देनजर सुरक्षात्मक उपाय कराते हुए यातायात के नियमों का पालन सुनिश्चित कराने हेतु भी सभी संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है।
बताते चलें कि जिला आपदा प्रबंधन शाखा, बेगूसराय से प्राप्त अद्यतन प्रतिवेदन के अनुसार, जिला अंतर्गत सभी अंचलों एवं नगर निकाय द्वारा अब तक कुल 92 सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार द्वारा क्रियान्वित वस्त्र वितरण कार्यक्रम अंतर्गत प्राप्त राशि के विरुद्ध सभी अनुमंडल कार्यालयों द्वारा लगभग चौबीस सौ कंबलों का क्रय कर संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारियों के माध्यम से जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण कराने के साथ-साथ जनसामान्य को ठंड के प्रभाव से बचाव हेतु अन्यान्य कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।